लंदन
वर्ष 2000 में क्रिकेटर हैंसी क्रोनिए से जुड़े मैच फिक्सिंग मामले में बुकी संजीव चावला का इस महीने के आखिर में भारत प्रत्यर्पण हो सकता है. मानवाधिकारों पर यूरोपियन कोर्ट ने चावला की उस अर्जी को नामंजूर कर दिया, जिसमें उसने अपने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी. EHRC प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि कोर्ट ने संजीव चावला के अंतरिम राहत के आग्रह को नामंजूर कर दिया है.’
बता दें कि ‘हाईकोर्ट ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स’ ने 23 जनवरी को चावला को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं दी थी. इस फैसले के बाद 28 दिन में चावला का भारत प्रत्यर्पण होना आवश्यक है. ऐसे में चावला का अगले कुछ दिनों में कभी भी भारत प्रत्यर्पण हो सकता है.
ब्रिटिश नागरिक चावला ने यूरोपियन मानवाधिकार संधि (EHRC) के आर्टिकल 3 के तहत अपील दाखिल की थी. ब्रिटेन इस संधि का हस्ताक्षरकर्ता है. EHRC ने दिल्ली स्थित ब्रिटिश हाई कमीशन से कौंसुलर पहुंच को लेकर आश्वासन लिया जो कि ब्रिटिश नागरिक का अधिकार है.
चावला को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अक्टूबर 2017 में भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था लेकिन साथ ही तिहाड़ जेल में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी. भारतीय अधिकारियों ने कामयाबी से अपना पक्ष रख कोर्ट की इस आशंका को दूर किया.
चावला ने फिर अपील की अनुमति के लिए रायल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया. वहां भी चावला की अपील 16 जनवरी 2020 को खारिज हो गई. लॉर्ज जस्टिस डेविड बीन और जस्टिस क्लाइव लेविस की दो सदस्यीय बेंच ने कहा कि ‘वो इस तर्क से सहमत हैं कि अनुमति की अपील खारिज किए जाने योग्य है.’ लॉर्ड जस्टिस बीन ने ये भी कहा, ‘कोई भी नहीं चाहता कि इतने विलंब के बाद ये केस एक दिन भी और आगे बढ़े. चावला वर्ष 2000 में कथित तौर पर क्रिकेट मैच फिक्सिंग से जुड़े केस में वांछित है.