भोपाल
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में गुरुवार को एनएसयूआई व एबीवीपी कार्यकर्ता वर्चस्व की लड़ाई को लेकर आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच गाली गलौच हुई, लेकिन द्वारा किए गए बीच बचाव के कारण बड़ी घटना होने से टल गई। इस मामले को लेकर कुलपति ने दोनों पक्षों की छात्राओं, एबीवीपी, एनएसयूआई, महिला उत्पीड़न मामलों की जांच कमेटी व पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में चर्चा की। इसके बाद कमेटी को सभी पक्षों से चर्चा कर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उधर, थाने एफआईआर दर्ज कराने पहुंची छात्राओं को पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद शिकायत दर्ज होगी।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व फिजिकल एजुकेशन विभाग की एक छात्रा द्वारा अपने कोच सुनील शर्मा पर प्रैक्टिकल मार्क्स देने के नाम पर छेड़छाड़ और शोषण करने के आरोप लगाए हैं। बुधवार को आरोप लगाने वाली छात्रा व सुनील शर्मा के कमेटी के समक्ष बयान दर्ज होने थे। सुनील शर्मा को कमेटी ने बाद में बुलाने पर आने की बात कहकर मना कर दिया था। बीयू में शारीरिक शिक्षा के पूर्व डायरेक्टर अखिलेश शर्मा के पक्ष में शिकायतकर्ता छात्रा की सच्चाई के सबूत लेकर कुछ छात्राएं पहुंची। इसके बाद विरोध में भी करीब छह छात्राएं पहुंच गई। जब छात्र संगठनों को जानकारी लगी तो वह भी वहां पहुंच गए। सत्य भवन के अंदर जाने पर संगठनों ने एक दूसरे पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मामलों विवाद से बढ़कर झूमाझटकी तक पहुंच गया। एनएसयूआई कार्यकर्ता प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी व भोपाल जिलाध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में बीयू पहुंच गए। इसको लेकर दोनों के बीच जमकर नारेबाजी हुई। मामले की गंभीरता देख वीसी ने तत्काल मीटिंग बुलाई। जिसमें एनएसयूआई ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि यह बीयू का हनीट्रेप है और इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। एनएसयूआई ने जांच कमेटी मेंबरों को शिकायतकर्ता छात्रा के कुछ आपत्तिजनक वीडियो-फोटो दिखाते हुए कहा कि आपको दोनो पक्षों की सुनना चाहिए और उसके बाद निष्पक्ष कार्रवाई करना चाहिए। इधर एबीवीपी ने कहा कि विवि के बाहर छात्रा की अपनी निजी जिंदगी है और उस पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।
कोच शर्मा ने लगाए ब्लैकमेलिंग के आरोप
बुधवार को एनएसयूआई द्वारा एकतरफा कार्रवाई किए जाने का विरोध करने पर मामले में एक नया मोड़ आ गया है। आरोपी कोच सुनील शर्मा ने छात्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रा मुझसे कई दिनों से पैसों की मांग कर रही थी और पैसे नहीं दिए तो उसने मुझे व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक चीजों को भेजना शुरू कर दिया। आरोपी स्पोर्ट कोच सुनील शर्मा ने अपनी बातों की पुष्टि के लिए छात्रा के अश्लील फोटोग्राफ और वह वीडियो भी सार्वजनिक किए हैं, जो छात्रा द्वारा उसे भेजे ब्लैकमेल करने के लिए भेजे जाते थे।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
विवि प्रशासन से हमने अनुरोध किया कि मामला छात्रा और शिक्षक से जुड़ा हुआ है तो प्रशासन को निष्पक्ष होकर जांच और कार्रवाई करे। इसलिए मामले से छात्रा के परिजनों को अवगत करवाने के लिए उन्हें भी विश्वविद्यालय बुलाया जाना चाहिए। जिससे छात्रा परिजनों की उपस्थिति में निर्भय होकर अपनी बात कमेटी के सामने रख सके।
-आशुतोष चौकसे, भोपाल जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई
एनएसयूआई द्वारा छात्रा के जो फोटो दिखाए जा रहे हैं, वह विवि के बाहर का मामला है और उसकी निजी जिंदगी है। विवि के अंदर यदि कोई टीचर द्वारा छात्रा को इस तरह के अश्लील मैसेज भेजता है। तो उस पर त्वरित कार्रवाई होना चाहिए। हम छात्रा के हितों की रक्षा के लिए साथ खड़े हैं।
-उपेन्द्र तोमर, संगठन मंत्री, एबीवीपी
इनका कहना है
छात्रा के आरोप के मामले हमने दोनों पक्षों की बात सुनी है। इस मामले के पहले ही महिला प्रोफेसरों की कमेटी को सौंप दिया गया है। एक पक्ष के बयान हो चुके हैं, दूसरे पक्ष के बयान होने के बाद यदि कमेटी रिकमंड करती है तो एफआईआर दर्ज कार्रवाई जाएगी।
-प्रो. आर.जे. राव, कुलपति, बीयू