नई दिल्ली
एनडीए में 2017 के जुलाई में जेडीयू की वापसी के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली संयुक्त रैली थी, जो कई मायने में खास है।
एनडीए में जेडीयू की वापसी के बाद नीतीश-शाह की पहली रैली
यद्यपि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार का समीकरण जगजाहिर है और जब भी 2019 के दौरान पीएम मोदी ने बिहार में रैली की वहां पर नीतीश ने उनके साथ मंच साझा किया। लेकिन, शाह के साथ मंच साझा करना एक नया संकेत है और यह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा संदेश है।
नीतीश की अगुवाई में ही एनडीए लड़ेगा बिहार चुनाव
अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में 16 रैलियां की थी। जब उनकी पार्टी के लोगों ने नीतीश के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया और उप-चुनावों में हार समेत कई मुद्दों पर उन्हें किनारा करने की कोशिश की तो उस समय शाह ने दो बार सार्वजनिक तौर पर यह साफ किया कि नीतीश बिहार में एनडीए के नेता हैं और उनके नेतृत्व में ही बिहार का 2020 विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।
जेडीयू के दिल्ली प्रभारी और बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने कहा- “अमित शाह के साथ मंच साझा लंबा चलेगा ताकि पार्टी के अंदर और बाहर आलोचकों का मुंह बंद कराया जा सके कि एनडीए एक, मजबूत और एकजुट है।”
रविवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जेडीयू उम्मीदवार के लिए एक रैली की जबकि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दूसरे जेडीयू उम्मीदवार के लिए रैली की। दिल्ली में दो सीट पर जेडीयू के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।