पटना
बिहार म्यूजियम का विवाद गहरा गया है। शुक्रवार की दोपहर म्यूजियम के सामने हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। म्यूजियम के निदेशक मो. यूसुफ को सिक्यूरिटी गार्ड ने म्यूजियम में घुसने से रोक दिया। निदेशक बार-बार गेट खोलने के लिए कहते रहे, लेकिन गार्ड ने मना कर दिया। गार्ड का कहना था कि ऊपर से आदेश है कि निदेशक को म्यूजियम में न घुसने दिया जाए।
बिहार म्यूजियम में टिकट घोटाला (करीब पांच करोड़) सहित अन्य घोटाले से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लंबी छुट्टी से लौट कर म्यूजियम पहुंचे निदेशक को गार्ड ने लौटा दिया। निदेशक बार-बार कहते रहे कि मैं यहां का निदेशक हूं, लेकिन गार्ड ने हाथ जोड़ लिया। इसी दौरान निदेशक देर तक अपनी गाड़ी में बैठे रहे। आखिरकार उन्होंने मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह को फोन किया। फिर कहा कि अंजनी जी अपने घर बुला रहे हैं, अब उनके घर जा रहा हूं।
संग्रहाध्यक्ष को निदेशक ने किया था बर्खास्त
गौरतलब है कि संग्रहाध्यक्ष संग्रह मौमिता घोष-को निदेशक मो. यूसुफ ने 13 अक्टूबर को सेवा से बर्खास्त कर दिया था और खुद लंबी छुट्टी पर चले गए। इस बीच मौमिता घोष की बर्खास्तगी को दो दिन के भीतर ही कला संस्कृति विभाग ने निरस्त कर दिया और कहा कि निदेशक ने विभागीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया और जब छुट्टी पर निदेशक लौटे तो उन्हें गेट के भीतर घुसने ही नहीं दिया गया।
बिहार म्यूजियम का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। करीब पांच करोड़ के घोटाले की बात सामने आ रही है। घोटाले के विरुद्ध कोतवाली थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। एफआईआर दो सितंबर को ही दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक यह बात दबी हुई थी। सोमवार को म्यूजियम की अंदरुनी लड़ाई और घोटाले की कहानी तब सतह पर आ गई, जब म्यूजियम के निदेशक मो. युसूफ लंबी छुट्टी पर चले गए। इधर यह भी चर्चा जोरो पर है कि निदेशक ने इस्तीफा दे दिया है, हालांकि इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।