बिहार में तेज बारिश व ओले से फसल हुई बर्बाद, आकाशीय बिजली से 11 की मौत

 पटना 
बिहार के कई जिलों में मंगलवार सुबह मौसम एकाएक बदला और पटना सहित लगभग पूरे बिहार में तेज बारिश हुई। कई जगह ओले पड़े। ओला पड़ने के कारण बेगूसराय, वैशाली, बांका, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर आदि में खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। खासकर अगात गेहूं पर इसका ज्यादा असर हुआ है। वहीं, राज्य के विभिन्न हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक तीन लोगों की मौत मुंगेर में हुई। 30 किलोमीटर की रफ्तार से चली हवा चलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। फसलें जमींदोज हो गईं।

राजधानी पटना में 11.30 से एक घंटे तक झमाझम वर्षा हुई। उसके बाद अपराह्न तीन बजे तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। बुधवार को भी पटना जिले सहित राज्य के कई हिस्सों में बादल छाये रहेंगे और बारिश हो सकती है। वहीं, बारिश के कारण अधिकतम यानी दिन का तापमान साढ़े पांच डिग्री तक गिरा है। सबसे अधिक तापमान में गिरावट गया में दर्ज की गई। यहां का तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सोमवार से 5.3 डिग्री तक कम है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कारण बारिश हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर बने चक्रवातीय हवा क्षेत्र अब दक्षिण बिहार के ऊपर आ गया है। इससे बुधवार को कई जिलों में बदाल छाये रहेंगे। कुछ जगहों पर बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को मौसम साफ हो सकता है। धूप खिल सकती है। 

सबसे अधिक बारिश पूर्वी चंपारण में 
प्रदेश में सबसे अधिक बारिश पूर्वी चंपारण जिले में हुई। यहां के चकिया में 64.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पूर्वी चंपारण के ही पताही में 11.4, मेहसी में 9.6 और डेहरी व केसरिया में 9 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं पटना में 13.5 और भागलपुर में 15.4 मिमी बारिश हुई। 

28 को एक नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रिय 
मौसम विज्ञानियों के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ 28 फरवरी को राजस्थान और उसके पास सक्रिय हो रहा है। इसका असर बिहार में दो दिन बाद यानी 1 मार्च से दिखने की संभावना है। हालांकि इसका प्रभाव कितना होगा इसका अभी आकलन होगा, लेकिन यह तय है कि कई जगहों पर बादल छायेंगे।  

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