पटना
बिहार में चार वर्षों से चल रही नल-जल योजना अब पूरे देश में लागू होगी। भारत सरकार इस योजना को जल-जीवन मिशन के नाम से लागू कर रही है। जबकि बिहार सरकार ने हर घर नल-जल योजना इसका नाम दिया है। शनिवार को लोकसभा में पेश बजट में केंद्र ने इस मिशन के लिए 3.60 लाख करोड़ का प्रावधान किया है और कहा है कि इसके तहत अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11 हजार 500 करोड़ खर्च किये जाएंगे।
जल-जीवन मिशन के तहत पूरे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2024 तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है। वहीं, बिहार में नल से जल पहुंचाने का कार्य 60 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है और इस वर्ष तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार द्वारा बजट में उक्त योजना के लिए राशि का प्रावधान किए जाने से यह उम्मीद बढ़ी है कि बिहार को प्रतिपूर्ति के रूप में पैसे मिलेंगे।
राज्य सरकार इसके लिए आठ हजार करोड़ की मांग केंद्र के समक्ष पहले ही रख चुकी है। 26 अगस्त, 2019 को दिल्ली में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में राज्य सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री विनोद नारायण झा ने बिहार का पक्ष रखा था। बाद में उसी दिन वे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मिले थे और आठ हजार करोड़ इस योजना के तहत देने का आग्रह किया था। साथ ही उन्हें इसके लिए ज्ञापन भी सौंपा था। मंत्री ने तर्क रखा था कि बिहार सरकार इस योजना में पहले से ही बड़ी राशि खर्च कर रही है, जो 17 हजार करोड़ से अधिक है।