पटना
बिहार में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच जेडीयू के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और बिहार के डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ यह विडंबना अक्सर होती है कि अपनी उदारतावश वह जिनको फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाते हैं, वे ही उनके लिए मुसीबत बनने लगते हैं। पीके ने सुशील मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लोगों को 'करेक्टर सर्टिफिकेट' देने में सुशील मोदी का कोई जोड़ नहीं है जबकि वह खुद नीतीश कुमार की आलोचना कर चुके हैं। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'नीतीश कुमार के साथ यह विडंबना अक्सर होती है कि अपनी उदारतावश वह जिनको फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाते हैं, वे ही उनके लिए मुसीबत बनने लगते हैं। उन्होंने (नीतीश कुमार) किसी को अपनी कुर्सी दी, कितनों को राज्यसभा का सदस्य बनवाया, किसी को गैरराजनीतिक गलियों से उठाकर संगठन में ऊंचा ओहदा दे दिया, लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने थैंकलेस होने से गुरेज नहीं किया। राजनीति में भी हमेशा सब जायज नहीं होता।'
पीके ने सुशील मोदी पर किया पलटवार
इसके जवाब में पीके ने सुशील मोदी का पुराना विडियो ट्वीट कर कहा, 'लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र देने में सुशील मोदी का कोई जोड़ नहीं है। देखिए पहले बोल कर बता रहे थे और अब डेप्युटी सीएम बना दिए गए तो लिख कर दे रहे हैं। इनकी क्रोनोलॉजी भी बिल्कुल क्लीयर है।' सुशील मोदी इस पुराने विडियो में नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं। सुशील मोदी ने इस विडियो में कहते नजर आ रहे हैं, 'नीतीश कुमार समझते हैं कि वह बिहार के पर्याय हैं…नीतीश बिहार नहीं हैं, बिहार नीतीश नहीं है। धोखा नीतीश के डीएनए में है। 17 साल के अलायंस के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी को धोखा दिया। नीतीश कुमार ने शिवानंद तिवारी, जीतनराम मांझी, बिहार के मतदाताओं, जार्ज फर्नाडिंज और लालू यादव को धोखा दिया। यह विश्वासघात नीतीश कुमार का डीएनए है।'
बीजेपी-जेडीयू अलायंस में सबकुछ ठीक नहीं
ऐसा दूसरी बार हुआ है कि जब नीतीश कुमार के बेहद करीबी समझे जाने वाले सुशील कुमार मोदी पर पीके ने हमला बोला है। सुशील मोदी और पीके के बीच यह ट्वीट वॉर पवन वर्मा के बागी तेवर के बाद देखा जा रहा है। प्रशांत किशोर का यह ट्वीट दर्शाता है कि बीजेपी-जेडीयू अलायंस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है कि वह सुशील मोदी पर दिए बयान पर क्या कदम उठाते हैं। बिहार में सरकार बनाने के बाद सुशील मोदी हरेक संकट में नीतीश कुमार के साथ चट्टान की तरह से खड़े नजर आए हैं। गिरिराज सिंह का मुद्दा हो या अन्य विवादित मुद्दे सुशील मोदी ने हमेशा नीतीश कुमार का साथ दिया है। पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पवन वर्मा ने ही प्रशांत किशोर को पार्टी शामिल किया था। पवन वर्मा और प्रशांत किशोर जेडीयू के थिंक टैंक माने जाते हैं। लेकिन पवन वर्मा को लेकर नीतीश कुमार के बयान के बाद पीके खुद को पार्टी के अंदर असहज पा रहे हैं। पीके को नीतीश कुमार का भी बेहद करीबी माना जाता है। अब पीके के इस बयान के बाद सबकी नजरें नीतीश कुमार पर टिक गई हैं।
सीएए पर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ
प्रशांत किशोर जहां सीएए और एनआरसी को लेकर खुले आम मोर्चा खोल चुके हैं वहीं नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर का समर्थन किया है। यही नहीं पवन कुमार वर्मा की चिट्ठी पर पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'वह किसी भी पार्टी में जा सकते हैं। लेकिन सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान हैरान करने वाले हैं।' नीतीश ने कहा, 'कुछ लोगों के बयान पर मत जाइए, हमारा रुख साफ है। मैं किसी के बयान से प्रभावित नहीं होता हूं।' बता दें कि जेडीयू नेता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अलावा दिल्ली चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर नीतीश कुमार से विस्तृत बयान देने की मांग की थी। नीतीश कुमार के बयान को अपने नेताओं को अल्टिमेटम की तरह देखा जा रहा है, जो पिछले कई दिनों से सीएए और एनआरसी को लेकर सवाल कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने राहुल को दिया था धन्यवाद
नीतीश कुमार के विपरीत जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पार्टी से अलग सुर अलाप रहे हैं। पिछले दिनों सीएए और एनआरसी के मुद्दे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बधाई तक दे डाली थी। अपने ट्वीट में पीके ने लिखा था, 'मैं कांग्रेस नेतृत्व को बधाई देता हूं। स्पष्ट रूप से सीएए और एनआरसी को अस्वीकार करने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बधाई।' इसके साथ ही प्रशांत ने दावा किया था कि बिहार में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होगा।