नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने मंगलवार (3 मार्च) को राजनीतिक दलों से इस साल आखिर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बहुत पहले ही घोषणापत्र जारी करने का आह्वान किया ताकि चुनाव हिंदू-मुसलमान या जातियों के मुद्दे पर नहीं बल्कि विकास के एजेंडे पर लड़ा जाए। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राज्य के विकास के एजेंडे पर बिहार मे चुनाव लड़ने का आह्वान किया और कहा कि 'हम सभी ने देखा कि दिल्ली चुनाव में क्या हुआ।'
जब उनसे पूछा गया कि उनका बयान भाजपा को लेकर तो नहीं है जिन पर विपक्षी दलों ने दिल्ली के चुनाव प्रचार को सांप्रदायिकता में धकेलने का आरोप लगाया, इस पर चिराग ने नकारात्मक जवाब दिया और कहा कि प्रधानमंत्री का एजेंडा विकास का है। उन्होंने चुनाव आयोग से भी अपील की कि उसे राजनीतिक दलों से बहुत पहले ही, न कि बिल्कुल चुनाव के करीब घोषणापत्र पत्र जारी करने को कहना चाहिए।
लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव से छह महीने पहले ही अपना घोषणापत्र जारी करेगी। उन्होंने कहा, ''चर्चा घोषणापत्र की होनी चाहिए न कि हिंदू, मुसलमान या जातियों की।" मीडिया को संबोधित करने से पहले उन्होंने पटना में 14 अप्रैल को होने वाली अपनी पार्टी की 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' रैली की तैयारी के बारे में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।
पासवान ने कहा कि पार्टी तब (14 अप्रैल को) देश में सबसे पिछले राज्यों में एक बिहार को सबसे विकसित स्थानों में एक बनाने पर केंद्रित दृष्टिपत्र भी जारी करेगी। अपनी पार्टी के घोषणापत्र के लिए राज्य की यात्रा कर रहे लोजपा प्रमुख ने कहा कि प्रवासन एवं बेरोजगारी राज्य में गंभीर मुद्दे हैं लेकिन राज्य अपराध से भी प्रभावित है।
हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनका बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की आलोचना है। उन्होंने कहा कि बतौर सहयोगी राज्य के समक्ष मुद्दों को सामने लाना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि कुमार के नेतृत्व में राज्य में विकास हुआ है और अब वह अगली छलांग लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बिहार को सबसे विकसित स्थानों की सूची में पहुंचाने के वास्ते राज्य की प्रगति की बुनियाद डालने का श्रेय जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष को ही जाता है।