लखनऊ
उत्तर प्रदेश की सभी जिला अदालतों के परिसर में निजी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने बिजनौर की जिला अदालत में गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या किये जाने की घटना के बाद अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
डीजीपी ने कहा है कि न्यायिक अधिकारियों, न्यायाधीशों, स्टाफ के वाहनों के अलावा अन्य किसी निजी वाहन को न्यायालय में प्रवेश न करने दिया जाए। न्यायालय परिसर की सुरक्षा के लिए आवंटित -पीएसी-पुलिस बल का प्रयोग जिला न्यायालय के गेट और परिसर के आवागमन के सभी स्थलों पर प्रभावी ढंग से किया जाए। जिससे कोई भी अपराधी या असामाजिक तत्व हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री लेकर न्यायालय परिसर में दाखिल न होने पाए। न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक संदिग्ध व्यक्त की समुचित तलाशी ली जाए।
डीजीपी ने कहा है कि न्यायालय परिसर में वादकारियों की विधिवत शिनाख्त करके ही न्यायालय परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाए। वादकारियों के अलावा बंदियों से मिलने आने वाले परिजनों और मित्रों व रिश्तेदारों को भी न्यायालय परिसर के भीतर न मिलने दिया जाए।
न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले सभी स्टाफ के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से विचार विमर्श कर जिला जज-प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए उनके पहचान पत्र बनवा लिए जाएं। सुरक्षा व्यवस्था के नजरिये से किसी भी तरह की विवाद की स्थिति पैदा न होने पाए।
जिले के पुलिस प्रभारी तत्काल जिला जज से संपर्क कर न्यायालय के प्रशासनिक अधिकारियों सम्पूर्ण न्यायालय परिसर का तत्काल भ्रमण कर न्यायालय परिसर की पुख्ता सुरक्षा करवाएं। न्यायालय परिसर के लॉकअप के आसपास बंदियों से मुलाकात करने वाले लोगों को लॉकअप से दूर रखा जाए जिससे लॉकअप के आसपास भीड़ एकत्रित न होने पाए।