आजकल बालों को कलर कराने का ट्रेंड ज्यादा जोर पकड़ रहा है। हर दूसरा व्यक्ति इस वायरल होते ट्रेंड का लुत्फ उठाना चाहता है। लेकिन इस चक्कर में लोग यह नहीं देख रहे कि बालों को कलर कराने से उन पर कितना बुरा असर पड़ता है। अगर आप भी दूसरों को देख बालों को कलर कराने के बारे में सोच रहे हैं तो जरा इससे सेहत पर पड़ने वाले बुरे असर के बारे में जान लीजिए।
हेयर कलर कराने से क्या-क्या नुकसान होते हैं
1- पहला नुकसान तो यही होता है कि हेयर कलर के इस्तेमाल से बालों का नैचरल कलर गायब हो जाता है। हेयर कलर में अमोनिया और परऑक्साइड काफी मात्रा में होता है जो बालों के नैचरल पिगमेंट को निकाल देता है। बाल कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं।
2- हेयर कलर में मौजूद केमिकल की वजह से स्कैल्प को भारी नुकसान पहुंचता है। स्कैल्प में खुजली होने लगती है और रैश पड़ जाते हैं।
3- आप मानो या ना मानो लेकिन यह भी सच है कि हेयर कलर का इस्तेमाल अस्थमा और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को भी दावत देता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कई स्टडीज में हेयर कलर और कैंसर के बीच सीधा संबध दर्शाया गया है। दरअसल हेयर कलर को बनाने में कई तरह के केमिकल्स मिलाए जाते हैं और इनके संपर्क में आने से कैंसर को रिस्क बढ़ जाता है।
4- हेयर कलर की वजह से आंखों में इफेक्शन भी हो सकता है। हालांकि यह तब होता है जब बालों में कलर लगाते वक्त वह आंखों में चला जाए। आंखों में हेयर कलर जाने से सूजन, आंखों में पानी आना और कंजंक्टिवाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
5- बालों में कलर कराने से महिलाओं और पुरुष दोनों में ही फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। परमानेंट हेयर कलर्स में लीड एसिटोन का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। कई स्टडीज में दावा किया गया है कि प्रेगनेंट महिलाएं अगर हेयर कलर कराती हैं तो इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।
6- हेयर कलर का इस्तेमाल करने से आपके नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे आपको भूलने की समस्या और नर्वस डिसऑर्डर हो सकता है।
7- हेयर डाई में होने वाले कैमिकल्स से बालों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इन कैमिकल्स से नए बालों का बनना कठिन हो जाता है। इससे बालों के झड़ने और गंजेपन की समस्या सामने आकर खड़ी हो जाती है।