नई दिल्ली
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक में तबाह हुए अपने सबसे बड़े टेरर कैंप को फिर से खड़ा कर लिया है। फरवरी में पुलवामा हमले के बाद इंडियन एयरफोर्स ने इस टेरर कैंप को तबाह कर दिया था। पुलवामा आत्मघाती हमले को जैश के हमलावर ने अंजाम दिया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
भारतीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने कि जम्मू-कश्मीर को आर्टिकल 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद से जैश पर काफी दबाव है कि वह भारत में हमलों को अंजाम दे। इसके बाद उसने बालाकोट ट्रेनिंग कैंप को फिर से खड़ा करने के साथ-साथ पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर स्थित टेरर ट्रेनिंग कैंपों और लॉन्चपैडों को सक्रिय कर दिया है। बालाकोट कैंप में आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर समेत भारत में आत्मघाती हमलों की कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है।
बालाकोट एयरस्ट्राइक और FATF से बढ़े दबाव के बाद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अस्थायी तौर पर जैश और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम लगाई थी। लेकिन जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद अब लगता है कि इमरान सरकार आतंक के खिलाफ जिस सख्ती का दिखावा कर रही थी, अब उसे भी छोड़ दिया है।
आतंकी संगठनों को अब अपने कैंपों को चलाने की खुली छूट दी जा चुकी है। आतंकी संगठन जाड़े से पहले कश्मीर में बड़ी घुसपैठ की लगातार कोशिश कर रहे हैं और पाकिस्तानी सेना कवर फायरिंग देकर उन्हें इसमें मदद दे रही है। आतंकी अगले कुछ दिनों और महीनों में कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों में बड़े हमलों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जैश सरगना मसूद अजहर बीमार है इसलिए उसका भाई अब्दुल मुफ्ती रऊफ असगर का जैश पर पूरा नियंत्रण है। असगर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर में तेजी से सामान्य होते हालात को बिगाड़ने की जिम्मेदारी दी है।