बांस की बोतल में पानी पीने से होते हैं खूब फायदे, स्किन रहती हैं फ्रेश और बीमारियां रहती हैं दूर

प्लास्टिक से बढ़ने वाले प्रदुषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्लास्टिक बोतल की जगह बांस की बोतल का विकल्प लेकर आये हैं। गांधी जयंती के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही हैं। दुनिया में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) नामक अभियान की शुरुआत की है। जिसके मुताबिक, प्लास्टिक से बने उत्पादों (पॉलीथीन, वॉटर बॉटल, पैकिंग) के उपयोग को पूरी तरह से खत्म करना है। बांस में पोटेशियम,कॉपर,विटामिन बी 6, मैंगनीज, विटामिन बी 2, आयरन, प्रोटीन जैसे शरीर के लिए बेहद जरुरी पौषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में अब पीने के पानी के लिए बांस से बनी बोतल के प्रयोग को मंजूरी मिल गई है। ऐसे में आज हम आपको बांस के फायदे ) और बांस से बनी बोतल के पानी पीने के फायदे बता रहे हैं। जो हमे कई गंभीर बीमारियों से बचाने में भी कारगर साबित होगा।

देश में पूर्वोत्तर हिस्सों में बांस का उपयोग दैनिक दिनचर्या में खूब किया जाता है। लेकिन देश के बाकी हिस्सों में लोग बांस के इस्तेमाल और इससे होने वाले फायदों के बारे में ज़्यादा अवेयर नहीं हैं। बहुत कम लोग बांस के फायदों के बारे में जानते हैं, लेकिन अब पीने के पानी की बोतल के लिए बांस का उपयोग भारी मात्रा में किया जाएगा। ऐसे में बांस के फायदे के बारें में जानना बेहद जरुरी हो जाता है।

प्लास्टिक से बढ़ने वाले प्रदुषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्लास्टिक बोतल की जगह बांस की बोतल का विकल्प लेकर आये हैं। गांधी जयंती के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही हैं। दुनिया में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक नामक अभियान की शुरुआत की है। जिसके मुताबिक, प्लास्टिक से बने उत्पादों (पॉलीथीन, वॉटर बॉटल, पैकिंग) के उपयोग को पूरी तरह से खत्म करना है। बांस में पोटेशियम,कॉपर,विटामिन बी 6, मैंगनीज, विटामिन बी 2, आयरन, प्रोटीन जैसे शरीर के लिए बेहद जरुरी पौषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में अब पीने के पानी के लिए बांस से बनी बोतल के प्रयोग को मंजूरी मिल गई है। ऐसे में आज हम आपको बांस के फायदे और बांस से बनी बोतल के पानी पीने के फायदे बता रहे हैं। जो हमे कई गंभीर बीमारियों से बचाने में भी कारगर साबित होगा।

देश में पूर्वोत्तर हिस्सों में बांस का उपयोग दैनिक दिनचर्या में खूब किया जाता है। लेकिन देश के बाकी हिस्सों में लोग बांस के इस्तेमाल और इससे होने वाले फायदों के बारे में ज़्यादा अवेयर नहीं हैं। बहुत कम लोग बांस के फायदों के बारे में जानते हैं, लेकिन अब पीने के पानी की बोतल के लिए बांस का उपयोग भारी मात्रा में किया जाएगा। ऐसे में बांस के फायदे के बारें में जानना बेहद जरुरी हो जाता है।

बांस की बोतल के पौषक तत्व

पोटेशियम 640 मिलीग्राम (13.62%)
कॉपर 0.098 mg (10.89%)
विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सीन) 0.118 मिलीग्राम (9.08%)
मैंगनीज, एमएन 0.136 मिलीग्राम (5.91%)
जस्ता, Zn 0.56 मिलीग्राम (5.09%)
विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) 0.06 मिलीग्राम (4.62%)
ट्रिप्टोफैन 0.019 ग्राम (4.32%)
प्रोटीन 1.84 ग्राम (3.68%)
आइसोल्युसिन 0.061 ग्राम (3.65%)
आयरन, Fe 0.29 मिलीग्राम (3.63%)

एंटी-एजिंग की तरह करता है काम
रोजाना बांस के पानी से चेहरा धोने पर बढ़ती उम्र के निशान यानि एजिंग को रोकने में फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि बांस के पानी में एंटीऑक्सिडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे शरीर में होने वाली डीएनए की क्षति को ठीक करने में मदद मिलती है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
बांस में कोलेजन तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। जिससे बालों और त्वचा की नई कोशिकाओं को बनने में मदद मिलती है। ऐसे में बांस के पानी का उपयोग करने से त्वचा और बालों संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। अगर आपको रेशेज, लाल रंग के दाने या कुष्ठ रोग की समस्या हैं, तो ऐसे में बांस के पत्तों का लेप बनाकर प्रभावित त्वचा पर दिन में एक या 2 बार लगाने से जल्द आराम मिलता है।

हड्डियों को दे मजबूती
बांस का पेड़ बेहद मजबूत होता है। इसलिए इसका उपयोग एक डंडे के रुप में भी किया जाता है, लेकिन बांस के पानी में उच्च मात्रा में सिलिका नामक तत्व पाया जाता है। जिससे शरीर की हड्डियों को मजबूती मिलती है।
 

माइग्रेन करे दूर
अगर आपको तनाव की वजह से अक्सर सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या रहती है, तो ऐसे में आप बांस की 10 मिली जड़ के रस में 500 मिग्रा कपूर मिलाकर एक मिश्रण बनाएं और फिर 1-2 बूंद नाक में डालने सेसिरदर्द और माइग्रेन का दर्द कम होता है।

फेफड़े की सूजन को कम करता है
बढ़ते प्रदूषण, स्मोकिंग और शराब पीने की वजह से लोगों को अक्सर फेफड़े में सूजन की शिकायत हो जाती है। ऐसे में रोजाना बांस के पत्तों से बने काढ़े का सेवन करने या गरारे करने से फेफड़े की सूजन के अलावा खांसी और गले के दर्द से भी निजात पा सकते हैं।

पीरियड्स में फायदेमंद
बांस से बने काढ़े का सेवन करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द, अनिमित मासिक धर्म और अधिक ब्लीडिंग या कम ब्लीडिंग की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस काढ़े को बनाने के लिए 25 ग्राम बांस के पत्तों, 50 ग्राम शतपुष्पा में गुड़ मिलाकर सेवन करें।

बुखार में राहत के लिए बांस
जिन लोगों की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती हैं उन्हें मौसम बदलने और इंफेक्शन की वजह से बार-बार बुखार आता है, तो ऐसे में बांस के पत्तों के काढ़े का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। बांस के पत्तों और गिलोय के पत्तों को उबालकर पीस लें और उसमें शहद मिलाकर चटाने या काढ़ा पीने से बुखार से राहत मिलती है।

इस्तेमाल से पहले बरतें सावधानियां
1. बांस के बीज को कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसको पचाने में पेट को दिक्कत का सामना करना होता है।

2. बांस के बीज का लंबे समय तक सेवन करने से थायराइड ट्यूमर, हाइपोथायरायडिज्म और गोइटर की समस्या बढ़ने लगती है।

3. शरीर से साइनाइड नामक जहर को खत्म करने के लिए बांस बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन उसके लिए बांस के बीजों को उबालना जरुर चाहिए।

 

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