रायपुर
छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (Pl Punia) का आज बुरा दिन रहा अगर ऐसा कहा जाए तो शायद ये गलत नहीं होगा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस (Congress) को सत्ता में वापसी कराने में अहम योगदान निभाने वाले प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का आज पहले पत्रकारों से भीड़ गए. फिर बैठक में मुठ्ठीभर उपस्थिति से अपने नेताओं पर भड़क गए और फिर दिल्ली जाते-जाते एयरपोर्ट पर रायपुर पश्चिम से युवा विधायक और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) के साथ बहस कर बैठे. मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर पीएल पुनिया और विकास उपाध्याय के बीच जोरदार बहस (Heated Discussion) हुई. बहस इतनी बढ़ गई की पीएल पुनिया ने तैश में आकर विकास से कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक-नौटंकी बंद करो, तुम्हारी नौटंकी सरकार के खिलाफ जाएगा.
पीएल पुनिया की इस बात पर विकास उपाध्याय गुस्से में गए और पुनिया से राजनीति नहीं सीखने की बात कही. बताया जाता है कि विकास ने सीधे शब्दों में कहा की हम जनसेवक हैं. क्षेत्र के लागों का वोट पाकर विधायक बने हैं. जनहित में हमे क्या करना है, वह आपसे सीखने की जरूरत नहीं है. दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया की माहौल तनावपूर्ण हो गया और स्थानीय नेताओं ने अपनी ही भद्द पिटती देख बीच-बचाव कर जैसे-तैसे मामला शांत कराया. दरअसल, विकास उपाध्याय शहर में चलाए जा रहे यातायात अभियान के खिलाफ हैं और पुलिस को 48 घंटे का अल्टिमेटम दिया है. इसी बात की चर्चा करने विकास एयपोर्ट पहुंचे थे, जहां बातचीत के दौरान दोनों के बीच जोरदार बहस हुई.
पीसीसी कार्यकारिणी की बैठक लेने रायपुर पहुंचे पीएल पुनिया से जब पत्रकारों ने सीएम की अनुपस्थिति में बैठक के औचित्य पर सवाल पूछा तो पीएल पुनिया अचानक से भड़क गए और पत्रकारों को कहने लगे कि आप लोगों को दिमाग कहीं और है. इस पर पत्रकारों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पुनिया के शब्दों के प्रति नाराजगी जाहिर की. दरअसर, बीते 6 सालों में यह पहला मौका था जब बिना सीएम भूपेश बघेल के पीसीसी की बड़ी बैठक बुलाई गई वह भी बिना किसी ठोक कारण के, क्योंकि हाल फिलहाल में ना तो कोई चुनाव है, ना ही कोई राजनीतिक उठा-पटक और ना ही कोई बड़ी समीक्षा. बस यही सवाल पत्रकारों ने पीएल पुनिया से पूछा तो पुनिया जवाब देना छोड़ पत्रकारों से ही भीड़ गए.
सीएम भूपेश बघेल की अनुपस्थिति में पीसीसी कार्यकारिणी की बैठक लेने पीएल पुनिया रायपुर तो पहुंचे मगर सीएम के नहीं होने से बैठक में शामिल होने ना तो कोई मंत्री नहीं पहुंचा और ना ही कोई बड़ा नेता. 250 से अधिक संख्या वाली जंबों कार्यकारिणी के महज एक दर्जन सदस्य ही बैठक की औपचारिकता में शामिल हुए. बैठख में कम संख्या देख पीएल पुनिया भड़क गए और जिम्मेदारों पर जोरदार फटकार लगा दी. बिना संख्या बल और कोरम पूरा किए, बिना किसी ठोस एजेंडे के हुई बैठक चंद मिनटों में ही समाप्त हो गई, जिसमें आरक्षण के लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 16 फरवरी को सड़क में उतरने का निर्णय लिया गया, जो तारीख को छोड़कर बाकी सब पहले से ही तय था.