नई दिल्ली
नागरकिता संशोधन कानून के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस दौरान एक स्कूल बस भी भीड़ के बीच फंस गई थी। हालांकि, बस ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ के चलते बसे में बचे आखिरी बच्चे को सही सलामत उसके घर पहुंचा दिया। इससे पहले नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और कई जगहों पर तोड़फोड़ भी की गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक विडियो में देखा गया कि एक स्कूल बस भी भीड़ के बीच फंस गई थी। ऐसे हालात में बस ड्राइवर ने समझदारी से काम लिया। दरअसल, चालक ने बस में बचे आखिरी बच्चे के माता-पिता को फोन करके निर्धारित स्थान से कुछ मीटर पहले ही बुला लिया और बच्चे को उन्हें सौंप दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बस पर भी पथराव किया।
बस में था एक बच्चा और शीशे पर लगा पत्थर
विवेक विहार स्थित अरवाचीन भारती भगवान सीनियर सेंकेंडरी स्कूल के परिवहन प्रबंधक चंद्रशेखर के मुताबिक, बस में 25-30 छात्र थे, जिन्हें सीलमपुर और जाफराबाद में छोड़ा जाना था। हालांकि, बस में उस वक्त सिर्फ एक ही छात्र था, जब एक पत्थर बस के शीशे पर आकर लगा। वहीं, इलाके में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान जाफराबाद में 21 छात्र अपने स्कूल में करीब दो घंटे तक फंसे रहे।
एमसीडी सकूल के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल के पास भारी पथराव हुआ और छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल का गेट बंद कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में 200 छात्र पढ़ते हैं लेकिन शहर में प्रदर्शन के कारण मंगलवार को केवल 21 छात्र ही आए थे। अधिकारी ने बताया कि बच्चों के माता-पिता के स्कूल पहुंचने के बाद उन्हें पिछले दरवाजे से बाहर ले जाया गया। यह स्कूल जाफराबाद पुलिस थाने के नजदीक स्थित है।
ड्राइवर ने बच्चे के पैरंट्स को किया फोन
चंद्रशेखर ने कहा, 'यह पत्थर प्रदर्शनकारियों ने नहीं फेंका था, बल्कि जाफराबाद में स्थित किसी घर में से फेंका गया था। इस पर ड्राइवर को अंदाजा हो गया कि स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है और उसने बस में बैठे छात्र के माता-पिता को कॉल किया।' उन्होंने कहा कि छात्र को जहां छोड़ना था, बस उससे कुछ मीटर की दूरी पर थी लेकिन चालक ने उसके माता-पिता को कॉल करके निर्धारित स्टॉप से पहले बुला लिया। चंद्रशेखर ने बताया कि माता-पिता को बच्चे को सुरक्षित सौंपने के बाद चालक यू-टर्न लेकर बस को विवेक विहार जाने लगा लेकिन यह बस प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गई और प्रदर्शनकारियों ने इस पर पथराव किया, जिसमें बस के शीशे टूट गए।