नई दिल्ली
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में टैक्स के लिए दो व्यवस्थाओं की विकल्प करदाताओं को दिए हैं। उनके मुताबिक नई बिना किसी बचत स्कीम वाले एग्जेम्पशन को जोड़े यदि व्यक्ति सालाना आमदनी पर टैक्स कैल्कुलेशन करता है उसे कम टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि लोग टैक्स बचाने की जुगत में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास भी जाते हैं जिससे उनका खर्चा बढ़ जाता है ऐसे में सरकार पहले से भरा हुआ टैक्स रिटर्न फॉर्म भी उपलब्ध कराएगी।
हालांकि टैक्स मामलों के विशेषज्ञ सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं है। चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स मामलों के जानकार देवेंद्र कुमार मिश्रा ने ‘हिन्दुस्तान’को बताया कि यदि व्यक्ति बचत योजनाओं और एग्जेम्पशन वाले विकल्पों का इस्तेमाल कर टैक्स कैल्कुलेशन करते हैं तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा बजाए बिना किसी स्कीम में निवेश किए सीधे टैक्स देने के।
देवेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक नई स्कीम में जाने से लोगों को फायदे के मुकाबले घाटा ज्यादा होगा। उन्होंने बताया कि 5 लाख रुपये तक की आमदनी में टैक्स स्लैब पर कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं अगर 7.5 लाख रुपये की आमदनी की बात करें तो टैक्स का पुराना विकल्प न चुनने से लोगों को 65 हजार रुपये का घाटा होगा।
7.5 लाख रुपये की आमदनी वाला व्यक्ति 80 सी और हाउसिंग लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट जैसे विकल्पों के जरिए पूरी आमदनी पर टैक्स बचा सकता है इस हिसाब से उस पर कोई टैक्स नहीं बनेगा।
इसी हिसाब से 10 लाख रुपये की आमदनी वाले व्यक्ति को पुराने टैक्स विकल्प के मुताबिक 87 हजार रुपये की बचत होगी जबकि बिना किसी निवेश वाले विकल्प से सिर्फ 39 हजार रुपये ही बचेंगे। वहीं 12.5 लाख रुपये की आमदनी वाले व्यक्ति को नई व्यवस्था में बचत अगर 65 हजार रुपये की होगी तो पुरानी व्यवस्था में 1.14 लाख रुपये आसानी से बचाए जा सकते हैं।
इसके अलावा 15 लाख रुपये की आमदनी की बात की जाए तो नई व्यवस्था में सरकार का दावा है कि 78000 रुपये बचेंगे बल्कि सभी तरह के निवेश विकल्प चुनने के बाद पुरानी स्कीम में 1.32 लाख रुपये बचने की गुंजाइश रहती है।
आमदनी पहले टैक्स नया टैक्स नई स्कीम में बचत पुरानी स्कीम में बचत
5 लाख रु 0 0 – –
7.5 लाख रु 65000 39000 26000 65000
10 लाख रु 1.17 लाख 78000 39000 87000
12.5 लाख रु 1.95 लाख 1.30 लाख 65000 114000
15 लाख रु 2.73 लाख 1.95 लाख 78000 132600
उन्होंने ये भी कहा है कि निवेश कहां करना है कहां नहीं ये लोगों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। इस बजट से पहले की भी व्यवस्था में लोग अपने हिसाब से कई साल निवेश नहीं भी कर पाते थे। लेकिन बचत निवेश करना हमेशा से ही न सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि व्यक्तिगत खर्चों के लिए पूंजी जुटाने का बेहतरीन विकल्प होत है।