लखनऊ
उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को लंबे समय से हॉट कुक्ड मील नहीं मिल रहा। मेडिकल और प्री स्कूल किट भी केंद्रों से गायब है। कारण- बीते दो साल बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने पूरा बजट ही सरेंडर कर दिया है। इस साल अप्रैल, मई और जून का महीना बीत जाने के बाद चार माह की धनराशि जुलाई में दी गई। ऐसे में, आंगनबाड़ी केंद्रों का चूल्हा ठंडा है और कुपोषित बच्चों को गर्म खाना नहीं मिल रहा।
लापरवाही का यह आलम तब है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुपोषण के खात्मे का बिगुल फूंक चुके हैं। सुपोषण माह की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर बच्चों को पौष्टिक खाना परोस कर की। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग प्रदेश के 188259 केंद्रों पर तीन से छह साल तक के कुपोषित बच्चों को हॉट कुक्ड मील उपलब्ध कराता है।
मानवाधिकार आयोग ने गंभीर चिंता जताई थी : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीते साल मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट में आंगनबाड़ी केंद्रों की बुरी दशा का विस्तार से उल्लेख किया था। लखनऊ व कानपुर के एक दर्जन केंद्रों के दौरे में उन्होंने पाया कि 13 माह से हॉट कुक्ड मील बच्चों को मिला ही नहीं। यही नहीं, 2017-18 में पंजीरी भी जनवरी से मार्च तक नहीं दी गई। केंद्रों पर बर्तन, मिट्टी तेल, ईंधन कहीं नहीं है और हॉट कुक्ड मील बंद है। खुद विभागीय अधिकारी मानते हैं कि करीब दो साल से प्रदेश में हॉट कुक्ड मील योजना बंद है।