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फर्जी मार्कशीट से कांस्टेबल बनने वाले की याचिका खारिज, लगाया जुर्माना

प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने फर्जी मार्कशीट (Fake Marksheet) से पुलिस कांस्टेबल की नौकरी पाने वाले वाराणसी के सरताज खान कि याचिका 10 हजार रुपये जुर्माना के साथ खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि याची ने नौकरी पाने के लिए फर्जी हस्तलिखित मार्कशीट तैयार कर उसका उपयोग किया जबकि बोर्ड कम्प्यूटराइज्ड मार्कशीट जारी करता है. ऐसे में याची को नौकरी से हटाने के एसएसपी वाराणासी के आदेश पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.

मूल पत्रावली में जो जन्मतिथि लिखी गई है, याची उसके आधार पर 2006 में कांस्टेबल भर्ती में आवेदन करने के योग्य नहीं था. इसलिए उसने फर्जी मार्कशीट पर आवेदन दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सरताज खान की याचिका पर दिया है. अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने याचिका का प्रतिवाद किया. कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की मूल पत्रावली तलब की, जिसमें याची की जन्मतिथि 10 अप्रैल 1986 दर्ज है जबकि नौकरी पाने के लिए जो मार्कशीट दी गई है, उसमें जन्मतिथि 10 अगस्त 1986 है.

जन्मतिथि में परिवर्तन कर धोखाधड़ी की गई. याची का कहना था कि उसने हाईस्कूल की मार्कशीट में अपने नाम के सामने कुमारी लिखे होने व गलत जन्मतिथि दर्ज होने के संशोधन के लिए अर्जी दी थी. उसे बोर्ड से संशोधित मार्कशीट जारी की गई, जिसमें उसके नाम आगे से कुमारी शब्द हटा दिया गया और उसकी जन्मतिथि भी संशोधित कर दी गई लेकिन जब बोर्ड का रिकार्ड तलब किया गया तो उसमें पाया गया कि केवल नाम के आगे कुमारी शब्द हटाया गया था. जन्मतिथि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था.

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