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प्लास्टिक पर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस!

 
नई दिल्ली 

कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते प्रकोप पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. यह वायरस कितने दिन तक जीवित रह सकता है और जमीन व अन्य सतह पर इसके जिंदा रहने की मियाद क्या है जैसे सवाल भी लोग उठा रहे हैं. इस बारे में 'आजतक' ने मेदांता मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के हर पहलू पर विस्तार से जानकारी दी.

सपोर्टिव थेरेपी से इलाज

डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, खासी, सर्दी और जुकाम हो तो तुरंत अस्पताल में जाएं और अपना ब्लड और स्वाब टेस्ट कराएं ताकि पता चले कि कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं. इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन सपोर्टिव थेरेपी है. इसके माध्यम से फ्लूइड देकर बुखार को नियंत्रण में लाया जाता है या और भी कोई संक्रमण है तो उसका इलाज किया जा सकता है. अस्पताल में जल्दी पहुंचे तो ज्यादा चांस है कि सब ठीक हो जाएगा.

बीमारी के प्रकोप के बारे में उन्होंने कहा, आज के दिन में 16 देशों में यह वायरस फैल गया है. रोज नए-नए केस सामने आ रहे हैं. इसमें मौत की भी खबरें आ रही हैं. पहले सार्स या मर्स वायरस भी आए लेकिन उसमें मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी लेकिन इसमें 3-4 प्रतिशत तक देखा जा रहा है. यह जानलेवा वायरस है, इसलिए लोगों को सलाह दी जा ही है कि इसको गंभीरता से लें. अगर कोई खांसी-बुखार से पीड़ित है तो उससे 2 मीटर तक दूरी बनाए रखें. खांसने या छींकने से यह वायरस फैलता है. इससे दूसरे आदमी को भी संक्रमण हो सकता है.

हाथ न मिलाएं, नमस्ते करें

डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, पुराने वायरस की तुलना में कोरोना वायरस लगभग दोगुने दर से बढ़ रहा है. इसलिए जब आप किसी बंद जगह पर हों तो मास्क लगाएं. अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से धोएं जिसमें 75 प्रतिशत तक अल्कोहल हो. कोरोना के वायरस जमीन पर गिरने के बाद 9 दिन तक जिंदा रह सकते हैं. इसलिए अपने घर या दफ्तर की जमीन को डिसइन्फेक्टेंट से साफ करते रहें. हाथ बराबर धोएं और आज के दिन हाथ मिलाना बिल्कुल बंद करें. नमस्ते करना ज्यादा अच्छा है जो हमारी पुरानी परंपरा है. अपनी सुरक्षा के लिए ये चीजें जरूरी हैं.

सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा, अन्य लोगों की सुरक्षा का भी हमें ध्यान रखना है. सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें. भारत में इस वायरस का पता चला है इसलिए हमारे लिए चिंता की बात है क्योंकि हमारे यहां आबादी बहुत ज्यादा है. अगर यहां बढ़ना शुरू हुआ तो रोकना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि हमारे संसाधन भी काफी सीमित हैं. इसका इलाज नहीं है, इसलिए परहेज से ही हम इससे बच सकते हैं.

परहेज सबसे बड़ी सुरक्षा

अफवाह और डर के बारे में डॉ. त्रेहान ने कहा, ऐसा कोई डर नहीं होना चाहिए कि जिसे कोरोना वायरस हो जाएगा उसकी मौत हो जाएगी. इसकी दर अभी 3-4 प्रतिशत है लेकिन यह दर भी काफी ज्यादा है. इसलिए बीमारी को काफी गंभीरता से लेने की जरूरत है. हमारे पास सीमित लैब हैं जिनमें टेस्ट हो सकता है. कल से सरकार ने ऐलान किया है कि और लैब खुल रही हैं. हमारी तादाद इतनी ज्यादा है कि बीमारी फैलने पर इसे रोकना बहुत मुश्किल होगा. परहेज ही सबसे बड़ी सुरक्षा है. हमारे पास इतने हॉस्पिटल नहीं हैं, इतनी आइसोलेशन फैसिलिटी नहीं है. इसे देखते हुए अपना ख्याल रखें, अपने परिवार का ख्याल रखें.

एहतियात में क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस बारे में डॉ. त्रेहान ने कहा, सरकार को हर फ्लाइट पर थर्मल टेस्टिंग शुरू कर देनी चाहिए. देश में तैयारी की जहां तक बात है तो हमें ज्यादा तैयार रहना होगा ताकि देश पर ज्यादा भार न आए. यह वायरस तापमान संवेदनशील है. एक बार तापमान 35 से ऊपर हो जाएगा तो मुमकिन है कि यह वायरस खुद ही नियंत्रण में आ जाए. 52 डिग्री तापमान पर 15 मिनट के लिए भी रखा जाए तो यह वायरस जिंदा नहीं रहेगा. हमलोग एक साथ मिलकर लड़ेंगे तो यकीन है कि देश पर इसका असर कम पड़ेगा.

प्लास्टिक पर जिंदा रहता है वायरस

क्या मोबाइल से भी यह वायरस फैल सकता है? इस पर डॉ. त्रेहान ने कहा, मोबाइल से वायरस नहीं फैल सकता लेकिन अगर किसी ने उस पर खांस दिया या किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक पड़ी हो तो यह वायरस 48 घंटे तक वहां जिंदा रह सकता है. कहा जा रहा है कि यह वायरस प्लास्टिक की सतह पर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है. इसलिए मोबाइल को किसी साफ जगह पर रखा जाना चाहिए. डिसइन्फेक्टेंट से उसे साफ करते रहने चाहिए ताकि उससे संक्रमण न फैले.

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