राजनीति

प्रियंका गांधी की टीम तैयार, कांग्रेस हर जिले में महिला को बनाएगी उपाध्यक्ष

नई दिल्ली

    उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की टीम तैयारमहिला हाथ में होगी पार्टी उपाध्यक्ष की कमानदलित-पिछड़े और युवाओं को खास तवज्जोप्रियंका तीन महीन से ओवरहालिंग में जुटी

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में दोबारा खड़ा होने की कवायद में जुट गई है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव करने जा रही है. पिछले तीन महीनों से कांग्रेस संगठन में चल रही 'बड़ी ओवरहालिंग' की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है. सूबे में कांग्रेस की नई टीम तैयार हो गई है, जिसका जल्द ही ऐलान किया जा सकता है. प्रियंका गांधी प्रदेश के नए संगठन के साथ सूबे में कांग्रेस की सियासी जमीन मजबूत करने के लिए मैदान में उतरेंगी.

कांग्रेस की नई प्रदेश कमेटी में और जिला कमेटियों में सामाजिक संतुलन पर पूरा जोर दिया गया है. कांग्रेस ने संगठन में दलित-पिछड़े समुदाय के युवा नेताओं-कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने की रणनीति बनाई है. इसके अलावा सूबे के हर जिले में महिला को उपाध्यक्ष बनाने का खाका तैयार किया गया है.

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रही थीं. पिछले 3 महीने से कांग्रेस संगठन में चल रही हो ओवरहालिंग की प्रक्रिया लगभग खत्म हो गई है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि कुछ ही हफ्तों के भीतर प्रदेश के नए संगठन का ऐलान किया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने पिछले तीन महीने में 11000 से भी ज्यादा लोगों से मुलाकात की हैं. प्रियंका सुबह 9 से शाम 8 बजे तक उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मिलतीं और मंथन करतीं. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी यूपी के तमाम नेता शामिल थे. इस तरह से प्रियंका ने पूरे उत्तर प्रदेश की कमान संभाल ली है.

इन बैठकों के जरिए प्रियंका गांधी एक जौहरी की तरह नेताओं के बीच हीरा तराश रही हैं. यही वजह है नई कांग्रेस कमेटी पहले से ना सिर्फ छोटी होगी बल्कि उसमें युवाओं और महिलाओं का प्रतिनिधित्व ज्यादा होगा.

प्रियंका गांधी की कोशिश है कि जमीन से जुड़े संघर्षशील कार्यकर्ताओं और नेताओं को संगठन में ज्यादा तवज्जो मिले. प्रियंका की नई टीम में उन्हें अहमियत दी जाएगी, जो पार्टी के प्रति वफादार हैं और बुरे वक्त में भी संघर्ष करते आए और कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा है.

इस बार उत्तर प्रदेश की कमेटी में पिछली बार से 10 गुना कम सदस्य होंगे और सबकी औसत उम्र 38-40 साल होगी. धरना पॉलिटिक्स लड़ाकू तेवर वाले नेताओं को खास तवज्जो देने की रणनीति बनाई गई है. दलित और पिछड़े समुदाय से आने वाले युवा कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी नेतृत्व में जगह सुनिश्चित करने का प्लान बनाया गया है.

कांग्रेस संगठन का जो खाका तैयार किया जा रहा है, उसमें हर जिले में जिला उपाध्यक्ष की कमान महिला के हाथ में होगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का संगठन ना के बराबर है. यही वजह है कि कांग्रेस पिछले 24 साल से सत्ता का सूखा झेल रही है. ऐसे में कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में मजबूत नेताओं और कार्यकर्ताओं की तलाश करना रेगिस्तान में पानी ढूंढने जैसा है.

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