भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. चौधरी ने केम्पियन स्कूल में भोपाल संभाग के लगभग 900 प्राचार्यों के साथ विभागीय समीक्षा करते हुए कहा कि प्राचार्य यदि तय कर लें, तो स्कूलों का परीक्षा परिणाम अवश्य सुधरेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिस्थितियां कई राज्यों से बहुत हद तक बेहतर हैं। फिर भी स्कूली शिक्षा में हम पीछे क्यों हैं, यह चिंता का विषय है।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि अभिभावकों की बच्चों को प्रायवेट स्कूल में भेजने की धारणा को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शासकीय स्कूलों का स्तर और वातावरण ऐसा होना चाहिये, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को प्रायवेट स्कूलों से निकालकर शासकीय स्कूलों में प्रवेश कराने आएं। डॉ. चौधरी ने कहा कि जनता के बीच शासकीय स्कूलों की व्यवस्था एवं शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में व्याप्त गलत धारणा को बदलना होगा। इसके लिये स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का सही इस्तेमाल कर बेहतर परिणाम देने के लिये समर्पित होकर कार्य करना होगा। नेगेटिव सोच से कभी परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि बदलाव केवल इच्छा शक्ति एवं पॉजीटिव सोच से ही आता है।