भोपाल
भारतीय वन स्थिति प्रतिवेदन 2017-19 के अनुसार मध्यप्रदेश में 68.49 वर्ग किलोमीटर में वन आवरण बढ़ा है। अति सघन वन 113 वर्ग किलोमीटर और खुले वन 185 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बढ़े हैं। सामान्य सघन वन 230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कम हुए हैं। वन मंत्री उमंग सिंघार ने मंत्रालय में विभागीय समीक्षा के दौरान सघन वन क्षेत्र कम होने वाले जिलों की रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्बन स्टॉक बढ़ाया जाए।
प्रदेश में वर्ष 2017 में 77 हजार 414 वर्ग किलोमीटर वन आवरण था, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 77 हजार 482 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इस दौरान प्रदेश के चार जिलों में वनावरण बढ़ा है। इनमें से पन्ना जिले में 75.71 वर्ग किलोमीटर, खंडवा में 57.12, शहडोल में 48.71 और सीधी जिले में 37.16 वर्ग किलोमीटर वनावरण की वृद्धि हुई है। प्रदेश के कुछ जिलों में वनावरण में जीरो से 50 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है, जिसमें बड़े भाग पर राजस्व क्षेत्र भी शामिल है। बैठक में प्रदेश में कार्बन स्टॉक बढ़ाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि अरूणाचल प्रदेश के बाद कार्बन स्टॉक में प्रदेश देश में 110 मिलियन स्टॉक के साथ दूसरे स्थान पर है। वन मंत्री ने वन्य प्राणी, उत्पादन, विकास, वानिकी, कार्य आयोजना, विभाग की भावी योजनाओं, बाँस उत्पादन, ईको पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोजगार, सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से वन संरक्षण आदि की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन ए. पी. श्रीवास्तव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख यू. प्रकाशम्, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।