मध्य प्रदेश

प्रदेश में पिछले 22 सालों के अंतराल में 32 नेताओं की विधायक रहते मृत्यु

भोपाल
प्रदेश में पिछले 22 सालों के अंतराल में 32 नेताओं की विधायक रहते मृत्यु हो चुकी है। सबसे अधिक 10 विधायकों का निधन ग्यारहवी विधानसभा कार्यकाल के दौरान हुआ है। विधायकों के असमय निधन के बाद एक बार फिर विधानसभा भवन के वास्तुदोष का मुद्दा चर्चा में है।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसी माह 17 जनवरी को विधानसभा सत्र के दौरान भवन के वास्तुदोष को लेकर सवाल उठा चुके हैं। चालू विधानसभा कार्यकाल में एक ही माह के भीतर दो विधायकों की मृत्यु हो चुकी है। जौरा से विधायक बनवारी लाल शर्मा की मृत्यु के बाद आगर एमएलए मनोहर ऊंटवाल इस विधानसभा के विधायक रहते दिवंगत हुए हैं। इसके पहले चौदहवीं विधानसभा (2013-2018) के कार्यकाल में 9 विधायकों की मृत्यु हुई है।

इसमें भाजपा के बहोरीबंद विधायक प्रभात पांडे, गरोठ के राजेश यादव, देवास के तुकोजीराव पवार, घोड़ाडोंगरी के सज्जन सिंह उइके, नेपानगर के राजेंद्र दादू के अलावा कांग्रेस विधायक सत्यदेव कटारे अटेर, प्रेम सिंह चित्रकूट, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा मुंगावली, रामसिंह यादव कोलारस का निधन हुआ था। तेरहवीं विधानसभा (2008-2013) में विधायक माखनलाल जाटव, जमुना देवी, रत्नेश सोलोमन, हरवंश सिंह, ईश्वरदास रोहाणी दिवंगत हुए थे।

बारहवीं विधानसभा (2003-2008) में किशोरीलाल वर्मा, दिलीप भटेरे, प्रकाश सोनकर, अमर सिंह कोठार, लवकेश सिंह, लक्ष्मण सिंह गौड़ और सुनील नायक का विधायक रहने के दौरान देहांत हुआ है। ग्यारहवीं विधानसभा (1998-2003) के कार्यकाल में ओंकार प्रसाद तिवारी, कृष्णपाल सिंह, दरियाब सिंह सोलंकी, मगन सिंह पटेल, रणधीर सिंह, लिखीराम कावरे, शिवप्रताप सिंह, संयोगिता देवी देशमुख, वेस्ता पटेल, लाल सिंह पटेल का निधन हुआ था।

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