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प्रदेश में कोराना के दौरान अन्य रोगों के उपचार की उपेक्षा न हो


राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों ने वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में दिए महत्वपूर्ण सुझाव

भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार सभी जरूरी उपाय कर रही है। जनता को इस वायरस के संक्रमण से मुक्त कराने के लिए बहुआयामी कदम उठाए गए हैं। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस पर नियंत्रण के संबंध में गठित राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों से वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के माध्यम से चर्चा में कही।

इस मौके पर उनके साथ गृह तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के साथ ही प्रमुख समाजसेवियों और सामाजिक नेताओं का सहयोग भी प्राप्त किया जा रहा है। प्राप्त सुझावों के अनुसार जनता के हित में अन्य आवश्यक निर्णय भी लिए जाएंगे।

गुरुवार को चौहान को प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और कोरोना समस्या के संबंध में राज्य सरकार की सलाहकार समिति के सदस्य कैलाश सत्यार्थी ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से जन-जागरुकता अभियान चलाना होगा। इससे कोरोना वायरस की समस्या के सामाजिक दुष्प्रभावों को रोकने में आसानी होगी।

विशेष रूप से इन दिनों प्रचलन में आ रही चाइल्ड प्रोनोग्राफी पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त कदम उठाने होंगे। सत्यार्थी ने वीडियो कान्फे्रंसिंग में अथर्ववेद संहिता के मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की स्थितियों में परमात्मा से प्रार्थना की जा रही है कि सभी लोगों को ज्ञात और अज्ञात भय से मुक्ति मिले। सभी दिशाओं को भयमुक्त बनाते हुए लोक जागरण और लोक चेतना की आवश्यकता समझते हुए निरंतर कार्य की जरूरत है।

सत्यार्थी ने कहा कि मध्यप्रदेश कुछ कार्यों में नेतृत्व करने की स्थिति में है। कैलाश ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति समाप्त होगी, तो सरकार और समाज को मिलकर बच्चों के अधिकार की रक्षा के लिए सजग रहकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी। यह हमारा सामाजिक दायित्व भी है। सत्यार्थी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद जी-7 राष्ट्रों के राजदूत और यूरोपियन कमेटी की एक बैठक भोपाल में होती है, तो वे अपने संपर्कों से इसमें सहयोग करते हुए स्वयं भी शामिल होंगे। सत्यार्थी ने मोबाइल आंगनवाड़ी और भोजन प्रदाय व्यवस्था को बेहतर बनाने के भी सुझाव दिए। उन्होंने प्रदेश में इस क्षेत्र में संसाधनों के विकास पर बल दिया।

कैलाश सत्यार्थी मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस नियंत्रण के लिए किए जा रहे अच्छे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री चौहान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के संवेदनशील व्यक्तित्व से मध्यप्रदेश में इस रोग पर नियंत्रण का कार्य भली-भांति हो रहा है।

श्रमिकों को दिए जा रहे एक हजार रुपये
मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों को जानकारी दी कि प्रदेश में निर्धन तबके को तीन माह का राशन प्रदान किया गया है। श्रमिकों को एक हजार रुपये की राशि प्रदान करने के साथ ही मिड-डे मील की व्यवस्था और विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों के खाते में 562 करोड़ रुपए की राशि भी जमा की गई।

कोरोना से संक्रमित लोगों के उपचार की समुचित व्यवस्था
प्रदेश में कोरोना से संक्रमित लोगों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में रोगी ठीक होकर घर जा रहे हैं। इसके बावजूद निरंतर सावधानी बरतते हुए इस रोग के नियंत्रण के लिये पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को भी प्रदेश की स्थिति से निरंतर अवगत करवाया गया है। चौहान ने कहा कि समिति के विद्वान सदस्यों का व्यापक अनुभव है। उनके सुझाव पर क्रियान्वयन की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। समय-समय पर समिति के सदस्यों से संवाद जारी रहेगा और राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से उन्हें अवगत करवाया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कांफे्रंसिंग द्वारा नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत प्रख्यात समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी के अलावा प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सरबजीत सिंह, समाजसेवी रामेंद्र सिंह, सेवा भारती से जुड़े नवल किशोर शुक्ला, डॉ. जितेंद्र जामदार, डॉ. निशांत खरे, मुकेश मौड़, डॉ. अभिजीत देशमुख, डॉ. राजेश सेठी, एस.पी. दुबे और मुकुल तिवारी से बात की।

मध्यप्रदेश में निरंतर पुख्ता होती व्यवस्थाएं
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में 12 लैब प्रतिदिन लगभग 2000 सैंपल ले रही हैं। पूर्व में सिर्फ 2 लैब ही कार्यरत थीं। शीघ्र ही राज्य में 2500 सैंपल लेने की व्यवस्था कर ली जाएगी और मई में यह क्षमता 5000 सैंपल प्रतिदिन होगी। भारत सरकार और आईसीएमआर द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। इंदौर और भोपाल में डीआरडीओ से अनुमोदित पीपीई किट तैयार हो रही हैं। प्रतिदिन 10,000 किट तैयार हो रही हैं। इंदौर में भी स्थिति में सुधार परिलक्षित हो रहा है। इंदौर नगर में 11 कटेंनमेंट एरिया बनाने से काफी सहयोग मिला है। हाई रिस्क व्यक्तियों के सैंपल लेने और संदिग्ध होने पर क्वॉरेंटाइन की कार्रवाई भी लगातार की जा रही है।

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