भोपाल
शिक्षक कड़ी मेहनत कर बच्चों का भविष्य बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करें। शिक्षा में सुधार लाने के लिये शिक्षक खूब मेहनत कर इस वर्ष शत्-प्रतिशत परिणाम लायें। शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता लाने का प्रयास निरंतर किया जाये। जितनी मेहनत शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में करेंगे, उतने ही शाला का रिजल्ट बेहतर आयेगा। प्रदेश के समस्त शालाओं के शिक्षकगण इतनी मेहनत करें कि इस वर्ष का रिजल्ट शत्-प्रतिशत आयें। स्कूलों को बेहतर बनाने में प्राचार्यगणों की महती भूमिका होती है। प्राचार्यगण अपने-अपने शालाओं का रिजल्ट अच्छा लाने के लिये वातावरण का निर्माण करें।
इस आशय के निर्देश स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कालिदास अकदमी परिसर स्थित संकुल में उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा के समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यो को दिये। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से कर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जायें। एक परिसर एक शाला, शाला दर्पण, शाला एवं छात्रावास की नियमित मॉनीटरिंग की जायें। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये उन्नयन ब्रिजकोर्स, कॉपी चैकिंग, रेमेडियल टीचिंग, बोर्ड परीक्षा में जीरो से 30 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाली शालाओं की मॉनीटरिंग, साइंस कीट का उपयोग, मिशन 1000, शाला सिद्धि आदि पर कार्य कर शालाओं में बेहतर वातावरण निर्मित करें। मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि अच्छे रिजल्ट देने वाले प्राचार्यो को शिक्षा व्यवस्था के अध्ययन के लिये मेरिट के आधार पर दिल्ली एवं साउथ कोरिया भेजा गया। सभी विद्यालयों में 19 अक्टूबर को पालक-शिक्षक बैठक होगी।
बैठक में विधायक मुरली मोरवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधि प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयकियावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।