तीन संभाग की ग्रामीण नलजल योजना में करीब 197 करोड़ रुपए स्वीकृत, योजना में 12 जिले की 213 जलसंरचनायें शामिल
भोपाल. रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। यह कहावत पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और विश्व भर में लागू होती है। प्रदेश की ग्रामीण आबादी जहां पहले, कुआं, नदी, तालाब और पोखरों से अपनी जलापूर्ति पूरी कर लेती थी, लेकिन अब वहां भी पानी के लिए हायतौबा मचा हुआ है। यह समस्या पूरे साल भर बनी रहती है। इसकी मुख्य वजह ग्रामीण इलाकों से कुंआ, तालाब और नदियों का अस्तित्व समाप्त होना है। दूसरी मुख्य वजह जगह-जगह किए गए हैंडपंप और ट्यूबवेल के कारण पानी की सतह लगातार नीचे की ओर खिसकते जाना है।
ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाए जाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा समुचित जल संरचनाएं निर्मित की जा रही हैं। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2023 तक समूचे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जबलपुर संभाग के कटनी, मंडला, बालाघाट, डिण्डोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी तथा रीवा संभाग के रीवा सीधी एवं उमरिया और शहडोल संभाग में शहडोल, अनूपपुर, सिंगरौली जिलों में ग्रामीण नलजल योजनाओं के लिए रेट्रोफिटिंग अन्तर्गत 196 करोड़ 66 लाख 62 हजार रुपए की स्वीकृति जारी की है।
इन सभी 213 जल संरचनाओं का क्रियान्वयन विस्तृत सर्वेक्षण के बाद डिजाइन ड्राइंग तैयार कराया जाएगा। योजना में शामिल ग्रामों में पूर्व में निर्मित पेयजल अधोसंरचना के उपयोगी अवयवों को स्वीकृत योजना में उपयोग किया जाएगा। योजना में शामिल सभी जिलों के मैदानी कार्यालयों द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है, ताकि यथासमय ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल की सुलभता संभव की जा सके।