भोपाल
देशभर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली के बाद अब भोपाल की हवा भी दूषित हो रही है. ऐसे में भोपाल की हवा को प्रदूषण मुक्त यानि शुद्ध करने के लिए अब एक्शन प्लान (Action Plan) तैयार किया जा रहा है. भोपाल में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पुणे की ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की टीम अध्ययन करेगी. प्रदूषण के लिए जिम्मेदार सभी पहलुओं का बारीकी से परीक्षण किया जाएगा.
राजधानी भोपाल में दीवाली के बाद से वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके बाद से लगातार भोपाल की हवा को शुद्ध करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भोपाल की आवोहबा को शुद्ध करने के लिए पुणे की एआरएआई टीम से अनुबंध किया है जिसके तहत पुणे की टीम 18 महीनों तक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारणों का पता लगाएगी. किन कारणों से वायु प्रदूषण भोपाल में बढ़ रहा है, हवा को प्रदूषित करने के पीछे का कारणों का पता लगाकर दूर करने के लिए टीम उपाय भी खोजेगी.
पुणे की टीम 18 महीनों में इन उपायों को पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) को सौंपेगी जिसके बाद भोपाल की हवा को शुद्ध करने एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. एक्शन प्लान के लिए एनजीटी की परमिशन भी ली जाएगी. एनजीटी की क्लीन चिट के बाद ही भोपाल में वायु प्रदूषण को कम करने की कवायद शुरू की जाएगी. भोपाल की हवा को शुद्ध करने के लिए आरटीओ, नगर निगम नगर परिषद, पीडब्ल्यूडी विभाग
को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
हवा में बढ़ रहा धूल का स्तरशहर की आबादी 23 लाख से ज्यादा है. हर साल ठंड की शुरूआत में हवा की गुणवत्ता बिगड़ जाती है. बीते दो सालों से भोपाल में हवा में धूल का स्तर लगातार बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक खतरे के स्तर पर पहुंच रहा है. हवा में धूल के स्तर के बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. अध्ययन के पूरा होने तक भोपाल की सड़कों पर पानी के छिड़काव के बाद ही झाड़ू लगाई जाएगी.
भोपाल के साथ ही इंदौर, ग्वालियर, देवास, उज्जैन, सागर में भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन साल 2015 और उसके बाद के सालों में प्रदेश भर में खासतौर पर भोपाल में वायु प्रदूषण को लेकर स्थिति गंभीर है, जिसके बाद ही अब हवा को शुद्ध करने की कोशिशें की जा रही हैं.