मध्य प्रदेश

प्रदूषण को लेकर सख्‍त हुई MP सरकार, CM कमलनाथ ने जारी किए ये निर्देश

भोपाल
मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल, इंदौर और देवास समेत छह शहरों टाप प्रदूषित शहरों में शुमार हो गये है. राज्य के शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स (Ambient Air Quality Index) 241 पर पहुंच गया है. जबकि सांस लेने योग्‍य शुद्ध हवा का इंडेक्स 50 से कम होना चाहिए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की जारी रिपोर्ट के बाद सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. यकीनन देश के ग्रीन और क्लीन शहरों में टाप पर रहने वाले प्रदेश के शहरों में अब प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. पदूषण से परेशान सूबे के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं.

प्रदेश के छह बड़े शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर तक जा पहुंच चुका है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देश के 200 शहरों की निगरानी रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर, हावड़ा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद के बाद भोपाल शहर को सबसे ज्यादा प्रदूषित बताया गया है. इसके अलावा इंदौर, देवास, ग्वालियर, सागर और उज्जैन को नॉन अटेंटमेंट सिटी (ऐसे शहर जहां का प्रदूषण स्तर तय मानक से कही ज्यादा होता है) घोषित किया गया है. केंद्र की रिपोर्ट में भोपाल के प्रदूषण का स्तर औद्योगिक क्षेत्र मंडी दीप, देवास और रतलाम से भी ज्यादा दर्ज हुआ है. वहीं केंद्र की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मंत्रालय में बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण और दूसरे विभागों के साथ समीक्षा बैठक की और बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जरुरी निर्देश जारी किए.

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