पटना
देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं, कई अन्य शहर भी प्रदूषण की चपेट में हैं. बिहार की राजधानी पटना की हवा भी खराब हो गई है. राजधानी जब प्रदूषण की जद में आया, तब सरकार हरकत में आई. मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई और आलाधिकारियों के साथ प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा की.
बैठक के बाद नतीजा पुराने वाहनों पर बैन के रूप में सामने आया. सरकार ने प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी. हालांकि सरकार ने निजी और व्यावसायिक वाहनों के साथ थोड़ी रियायत बरती है.
पटना में नहीं चलेंगे कॉमर्शियल वाहन
राजधानी पटना में सरकार ने केवल 15 साल पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों को ही बैन किया है. इसके अलावा पूरे प्रदेश में निजी वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगाई है. 15 साल पुराने निजी वाहनों के परिचालन के लिए प्रदूषण की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है.
कौन-कौन है बैठक में
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बुलाई गई आपात बैठक में पर्यावरण और वन मंत्रालय संभाल रहे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन अशोक घोष, पटना के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के साथ ही जिलाधिकारी कुमार रवि भी मौजूद रहे. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में भी बढ़े प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया है.