नई दिल्ली
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) टीएन शेषन का 86 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया. शेषन ने चेन्नई में अंतिम सांस ली. वे भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे. वे 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक इस पद पर रहे. उनके निधन की सूचना टि्वटर पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने साझा करते हुए लिखा कि वे अपने सभी उत्तराधिकारियों के लिए एक सच्चे किंवदंती और मार्गदर्शक थे.
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
टीएन शेषन के निधन पर कई नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके कार्यों को याद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, श्री टी एन शेषन एक उत्कृष्ट सिविल सेवक थे. उन्होंने अत्यंत परिश्रम और निष्ठा के साथ भारत की सेवा की. चुनावी सुधारों के प्रति उनके प्रयासों ने हमारे लोकतंत्र को मजबूत और अधिक सहभागी बनाया है. उनके निधन से पीड़ा हुई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी टीएन शेषन को श्रद्धांजलि दी और एक ट्ववीट में लिखा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी एन शेषन जी के निधन से दुखी हूं. उन्होंने भारत की चुनावी संस्था को सुधारने और मजबूत बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई. राष्ट्र उन्हें हमेशा लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी के रूप में याद रखेगा. मेरी प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ हैं.
गडकरी ने शेषन को बताया आदर्श
टीएन शेषन को याद करते हुए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टीएन शेषन के निधन से दुखी हूं. उन्हें चुनावी प्रक्रिया में लाए गए सुधारों और हमारी लोकतांत्रिक संरचना को मिली ताकत के लिए हमेशा याद किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, श्री टीएन शेषन के निधन से दुख पहुंचा. वे आदर्श व्यक्ति थे. चुनाव सुधारों के लिए उनका योगदान आने वाले वर्षों के लिए मार्गदर्शक साबित होगा. मेरी गहरी संवेदना. ओम शांति!
निष्पक्ष चुनावों के प्रबल समर्थक थे शेषन: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, टीएन शेषन के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. शेषन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के प्रबल समर्थक थे. लोकतंत्र में उनके महान योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, दुखद है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का चेन्नई में निधन हो गया. वे विक्टोरिया कॉलेज पलक्कड़ में मेरे पिता के सहपाठी थे. वे एक साहसी व्यक्ति थे जिन्होंने चुनाव आयोग की स्वायत्तता और अधिकार को बनाए रखा. उनके पहले किसी सीईसी ने ऐसा नहीं किया.
केरल के पलक्कड़ में हुआ था जन्म
बता दें, टीएन शेषन का जन्म 15 दिसंबर 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था. अपने कार्यकाल में उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई बदलाव किए थे. मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत भी भारत में उन्होंने ही की थी. टीएन शेषन को 1996 में मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. उनके बारे में प्रसिद्ध था, 'राजनेता सिर्फ दो लोगों से डरते हैं, एक भगवान और दूसरे शेषन.'