मध्य प्रदेश

पुलिस अफसरों का IPS अवॉर्ड अटका, केंद्र ने इस कारण लौटाया प्रस्ताव

भोपाल
प्रदेश के वरिष्ठ राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस कैडर में पदोन्नति के लिए अभी कम से कम दो माह का और इंतजार करना होगा। इसकी वजह है उनके ही बैच के वे तीन वरिष्ठ अफसर जो किसी न किसी वजह से अपना सर्विस रिकॉर्ड खराब करा चुके हैं। पदोन्नति के लिए केन्द्र को राज्य शासन द्वारा भेजा गया प्रस्ताव इस सवाल के साथ लौटा दिया गया कि प्रमोशन सूची में शामिल तीन वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर पदोन्नति नहीं मिलने की वजह स्पष्ट नहीं है। इस वजह से अब पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को डीपीसी के लिए दो माह का इंतजार करना पड़ सकता है।

बताया जाता है कि पदोन्नति का यह प्रस्ताव इस महीने केंद्र सरकार को भेजा गया था। इसमें राज्य पुलिस सेवा के 1995 बैच के 24 अधिकारियोंं के नाम थे जिनमें से आठ को आईपीएस अवार्ड करने के लिए दिल्ली में डीपीसी होना है। 24 अधिकारियों में शामिल 1995 बैच के तीन वरिष्ठ अधिकारियों अनिल कुमार मिश्रा, सुशील रंजन और देवेंद्र सिरोलिया के नाम पिछली बार डीपीसी में आइपीएस के लिए चयनित नहीं हो पाए थे क्योंकि इनका सर्विस रिकार्ड अनुकूल नहीं था। केंद्र शासन ने इन तीनों अधिकारियों के सर्विस रिकार्ड पर कुछ स्पष्टीकरण के साथ जानकारियां मांगी हैं। ज्ञात हो कि मिश्रा निलंबित चल रहे हैं और उनके खिलाफ एक अपराधिक प्रकरण भी है इसी तरह सिरोलिया के खिलाफ भी गंभीर शिकायतों की जांच चल रही है।

आइपीएस कैडर में पदोन्नति के लिए 21 अफसरों के नाम भेजे गए हैं उनमें संजय कुमार सिंह, आलोक कुमार, रघुवंश कुमार सिंह, विकास पाठक, श्रद्धा तिवारी, वैष्णव शर्मा, सिद्धार्थ चौधरी, यशपाल सिंह राजपूत, धर्मवीर सिंह, अरविंद तिवारी, प्रियंका मिश्रा, वीरेंद्र मिश्रा, प्रमोद कुमार सिन्हा, विजय कुमार भागवानी, राजीव मिश्रा, प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर व मनोहर सिंह मंडलोई शामिल हैं।

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