जबलपुर
मप्र हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में कहा है कि पीएससी के पदों पर होने वाली भर्तियों में ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत ही रखा जाये, उससे ‘यादा का आरक्षण न हो। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किये जाने को चुनौती देने वाले मामलों में उक्त आदेश दिये है। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि यह मामले अशिता दुबे व अन्य की ओर से दायर किये गये है। जिनमें प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने को चुनौती दी गई है। 8 जुलाई 2019 को ओबीसी वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत करने के संबंध में विधानसभा से बिल पारित किया गया और उसके बाद उसका गजट नोटिफिकेशन 17 जुलाई 2019 को प्रकाशित हुआ। आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाए जाने को इन मामलों में असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के खिलाफ बताया गया है।
इन याचिकाओं के विचाराधीन पीएससी द्वारा करीब 4 सौ पदों पर की जा रहीं भर्तियों के सफल उम्मीदवारों की सूची इसी सप्ताह जारी होने की संभावना को देखते हुए एक अर्जी हाईकोर्ट में दायर की गई। अर्जी में कहा गया कि पीएससी की भर्तियों में भी ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की संभावना है, इसलिए इस संबंध में उचित आदेश दिये जाये। जिस पर न्यायालय ने पीएससी की भर्तियों में ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने कहा है, हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है।