न्यू यॉर्क
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जंयती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीजी के जीवन और संदेशों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हो या आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधीजी के ये सिद्धांत हमें मानवता की रक्षा के लिए मागदर्शक की तरह काम करते हैं। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस एवं कई राष्ट्र प्रमुखों ने भी गांधीजी को लेकर अपने-अपने विचार रखे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने यूएन महासचिव और कुछ राष्ट्रप्रमुखों के साथ यूएन हेडक्वॉर्टर में भारत की ओर से निर्मित महात्मा गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन किया। बाद में महात्मा गांधी का पोस्टेज स्टांप भी लॉन्च किया गया।
पीएम ने गांधी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में ऐसा कभी देखने को नहीं मिलता है कि जब किसी व्यक्ति का शासन से दूर-दूर तक संबंध नहीं हो और वो सत्य और अहिंसा की शक्ति से सदियों पुराने साम्राज्य को न सिर्फ झकझोर दे, बल्कि अनेक देशों में भी आजादी की ललक जगा दे। मोदी ने कहा कि गांधीजी दुनियाभर के उन लोगों के भी प्रेरणस्रोत बने जिन्होंने कभी गांधी को नहीं देखा और न उनसे मिले। पीएम ने कहा, 'मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला, उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे। महात्मा गांधी ने वह दिशा दिखाई, जिसमें लोग शासन पर निर्भर नहीं हों और स्वावलंबी बनें।'
गांधीजी विजन था- कैसे प्रेरित करें: मोदी
पीएम ने कहा कि महात्मा गांधी के कार्यों का विस्तार आजादी की लड़ाई तक सीमित नहीं था। अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी महात्मा गांधी पर नहीं होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर अपना जीवन खपा देते। पीएम ने कहा कि आज हम हाउ टु इंप्रेस के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन गांधीजी का विजन था हाउ टु इंस्पायर।
जब ब्रिटिश क्वीन मोदी की दिखाया गांधीजी का दिया रुमाल
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ब्रिटिश क्वीन एलिजाबेथ से मुलाकात में गांधीजी की हुई चर्चा का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया, 'जब कुछ वर्ष पहले ब्रिटेन के महारानी एलिजाबेथ से मिला तो उन्होंने बहुत भावुकता के साथ खादी से बना एक रुमाल दिखाया था जिसे गांधीजी ने उनके विवाह के वक्त उपहार के तौर पर दिखाया था।' मोदी ने कहा कि जिसके साथ सिद्धांतों को लेकर संघर्ष था, उसके साथ संबंधों को लेकर कितनी संवेदनशीलता था, यह महात्मा गांधी का मन बताता है। वह उनका भी भला चाहते थे, सम्मान करते थे जो उनका विरोधी थे।
गांधीजी ने बताई थीं ये सात विकृतियांः मोदी
पीएम ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की सात विकृतियों का भी जिक्र किया, जिनके प्रति गांधीजी ने सबको सचेत किया था। उन्होंने कहा, 'सिद्धातों के लिए इसी प्रतिबद्धता ने गांधीजी का ध्यान ऐसी सात विकृतियों के प्रति खींचा जिनके प्रति हम सबको सचेत रहना चाहिए। यह तब भी प्रासंगिक थी, आज भी प्रासंगिक है।' पीएम ने कहा, 'ये सात विकृतियां हैं- श्रम के बिना धन, विवेक के बिना खुशी, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना कारोबार, मानवता के बिना विज्ञान, त्याग के बिना धर्म और सिद्धांतों के बिना राजनीति।'