भोपाल। व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा 2009 घोटाले मामले के आरोपितों की जमानत अर्जी को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। व्यापमं मामलों के विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि आरोपितों ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अयोग्य विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण कराया है।
आरोपितों के कृत्य से योग्य उम्मीदवारों का भविष्य खराब हुआ है ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। मामले में सीबीआई ने 19 फरवरी को पूरक चालान पेश किया था मामले में पूर्व में 21 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया जा चुका है।
मामले में आरोपित वृंदावन नगर, ब्यावरा, राजगढ़ निवासी आरोपित आनंद चौहान, ग्राम उगापुर, औराई, भदोही उत्तरप्रदेश निवासी सतीश बहादुर सिंह, केशव कालोनी मुरैना निवासी भूपेन्द्र सिंह यादव, जूही सफेद कालोनी, कानपुर निवासी अभिषेक सचान, अशेक नगर, घाटमपुर कानपुर निवासी विवेक सचान और कानपुर निवासी आशीष उत्तम ने अदालत में जमानत अर्जी पेश की थी।
इस मामले में 19 नवंबर 2009 को एमपी नगर थाना भोपाल में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी जिसकी जांच बाद में एसटीएफ को सौंप दी गई। एसटीएफ ने इस मामले में 5 बार 21 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया है इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने मामले में 5 मिडिलमेन और एक छात्र के खिलाफ चालान पेश किया है। मामले में आरोपित अभिषेक सचान, आशीष उत्तम, सतीश बहादुर सिंह पेशे से डॉक्टर है जबकि आनंद चौहान मेडिकल प्रेक्टिशनर है।