भोपाल
कमलनाथ कैबिनेट (Cabinet) ने कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी है. कैबिनेट ने सूबे के पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) को बेहतर करने के लिए कई नए प्रावधानों को मंजूरी दी है. इसके तहत अब सरकार डॉक्टरों को ग्रामीण इलाकों (Rural areas) में सेवा देने पर घर और गाड़ी के साथ अलग से इंसेटिव (Incentive) भी देगी. सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए छोटे शहरों में बड़े अस्पताल खोलने के लिए भी रियायतें दी हैं. कैबिनेट ने आदिवासी छात्र छात्राओं के एकलव्य विद्यालय (Eklavya Vidyalay) का संचालन करने के लिए मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेजिडेंशियल एकेडमिक सोसाइटी के गठन का फैसला किया है. ये सोसाइटी एक यूनिट के तौर पर काम करेगी और सरकार ही इसका संचालन करेगी.
कैबिनेट ने एमपी भू राजस्व संहिता में भी संशोधन किया है. अब आदिवासी इलाके में सामान्य व्यक्ति (गैर आदिवासी) अपनी जमीन का डायवर्जन कर सकेगा. राजस्व में इससे जुड़ी हुई धारा को संशोधित किया गया. उल्लंघन पर सजा के प्रावधान को भी हटाया गया है. सरकार का दावा है कि इससे आदिवासी इलाकों में विकास कार्य हो सकेंगे. सरकारी नौकरी में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की श्रेणी में भर्ती के लिए प्रोविजन पीरियड अब 3 साल का होगा.
कमलनाथ कैबिनेट के फैसले एक नज़र में –
- होशंगाबाद में कोका कोला को राहत दी गई. प्रोजेक्ट लेट होने पर लगने वाले ब्याज पेनाल्टी की राशि को माफ किया गया.
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शाहपुरा में करीब 2 हेक्टेयर भूमि निशुल्क आवंटित की गई
- नेस्कॉम के साथ एमओयू होगा. आईटी से जुड़े काम इसी के जरिए कराए जाएंगे.
- आदिवासी एकलव्य विद्यालय के संचालन के लिए मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेजिडेंशियल एकेडमिक सोसाइटी का गठन किया गया. ये सोसाइटी एक यूनिट के तौर पर काम करेगी और सरकार इसका संचालन करेगी.
- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय, महर्षि पाणिनी महाविद्यालय में प्रबंध बोर्ड की ओर से नियुक्त व्यक्ति
- निर्वाचित न होकर सरकार की ओर से नॉमिनेट होगा
- राज्य योजना आयोग का नाम अब स्टेट प्लानिंग एंड पॉलिसी आयोग किया जाएगा. प्रदेश में एक कर्मचारी आयोग बनाया जाएगा, इसमें 4 सदस्य होंगे. एक सदस्य कर्मचारी संगठन से होगा. ये आयोग कर्मचारियों से जुड़े अलग अलग विभागों के मुद्दों पर सुझाव और फैसले देगा. सरकार उन पर
- अमल करेगी
- एमपी भू राजस्व संहिता में संशोधन किया गया. आदिवासी इलाके में सामान्य व्यक्ति (गैर आदिवासी) अपनी जमीन का डायवर्जन कर सकेगा. राजस्व में इससे जुड़ी हुई धारा को संशोधित किया गया. उल्लंघन पर सजा के प्रावधान को भी हटाया गया.
- ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नए प्रावधान किए गए. पिछड़े अति पिछड़े इलाकों में सेवा देने पर डॉक्टर्स को अलग से इंसेंटिव दिया जाएगा. मुख्यमंत्री सुषेण योजना के तहत किया गया प्रावधान. स्वास्थ्य के हिसाब से प्रदेश को दो हिस्सों पिछड़े और अति पिछड़े इलाके में बांटा गया है. संविदा चिकित्सक के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को अति पिछड़े इलाके में 40 हज़ार और पिछड़े इलाके में 30 हज़ार प्रोत्साहन भत्ता अतिरिक्त दिया जाएगा. डॉक्टर्स को पिछड़े इलाके में रहने के लिए घर और गाड़ी भी देगी सरकार.
- स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रोत्साहन नीति 2019 को भी मंजूरी दी गई है. इसके तहत छोटे शहरों में बड़े अस्पताल खोलने के लिए सरकार रियायती दर पर ज़मीन देगी. 50 बिस्तर तक के अस्पताल को अब 3 के बजाए 7 करोड़ रुपए अनुदान दिया जाएगा. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए अब 100 बिस्तर की अनिवार्यता को घटाकर 50 किया गया. मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल भी अब 30 बिस्तरों पर खोला जा सकेगा. PG और MBBS वाले डॉक्टर्स को एक साल तक ग्रामीण इलाकों में सेवा देना अनिवार्य होगा.
- सरकारी नौकरी में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की श्रेणी में भर्ती के लिए 3 साल का प्रोविशनल पीरियड होगा.