लखनऊ
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कू़ड़े और पटरियों पर फेंकी गई खाली बोतलों में पानी भर कर बेचा जा रहा हैं। इसमें रेलनीर से लेकर कुछ खास ब्रांड की बोतलों का इस्तेमाल हो रहा है। आरपीएफ और स्टेशन अखिकारियों ने आंखें मूंद रखी हैं।
स्टेशन पर यात्रियों की सेहत से खिलावाड़ हो रहा है। रेल प्रशासन की लापरवाही से स्टेशन पर कूड़े और पटरियों पर फेंकी गई रेलनीर और दूसरे ब्रांड की बोतलों को बटोर कर उनमें पानी भरकर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। स्टेशन पर रेल नीर और चलती ट्रेनों में कुछ खास ब्रांड ही अधिकृत हैं। बावजूद यह पानी कैसे बेचा जा रहा है? रेल अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ होने का दावा कर रहे हैं।
स्टेशन पर अवैद वेंडरों द्वारा फेंकी गई बोतलों को एकत्रित कर रेल पटरियो के पास लगे पाइप से भरकर बेचा जा रहा है। स्टेशन से लेकर ट्रेन तक आरपीएफ, जीआरपी और रेलकर्मियों की मौजूदगी में यह पानी बिक रहा है। बाजवूद सुरक्षा के मातहत इन पर लगाम नहीं लगा रहे हैं।
सील की जगह टेप लगाया
शातिर वेंडर इस बोतलों के ढक्कन पर सील की जगह टेप लगा रहे हैं। इससे बोतल खुली होने और पानी लीक होने की शिकायत दूर हो जाती है। पानी भरने के बाद टेप लगाकर झोले में डाल कर यह ट्रेनों में बेची जा रही हैं।
ऐसे पानी से संक्रमण का खतरा हो सकता है। ट्रैक पर धूल मिट्टी के साथ इंजन की गंदगी भी रहती है। ऐसे में पाइप के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ है। रेलवे को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और रोक लगानी चाहिए। विश्वमोहिनी सिन्हा, सीएमएस, इंडोर अस्पताल