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पंजाब से UAV मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, नुकसान पहुंचाने से पहले ही नष्ट होगा ड्रोन

 नई दिल्ली 
भारत में छह लाख से अधिक बिना नियमन वाले मानवरहित विमान (यूएवी) या ड्रोन हैं। सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे ‘स्काई फेंस' और ‘ड्रोन गन' आदि पर काम कर रही हैं। ताकि इन हवाई प्लेटफॉर्म से किए जाने वाले आतंकवादी या इस तरह की विध्वंसक गतिविधियों से निपटा जा सकें।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने इस बारे में एक आधिकारिक रूपरेखा तैयार की है। इसमें बताया गया है कि बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और सुदूर संचालित विमान प्रणाली महत्वपूर्ण ठिकानों, संवेदनशील स्थानों और विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए संभावित खतरा हैं। इनसे निपटने के लिए उचित समाधान की जरूरत है। अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन भेदी हथियारों का प्रोटोटाइप हाल में हरियाणा के भोंडसी में बीएसएफ शिविर के पास खुले खेत में दिखाया गया।

पंजाब में मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क : सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी पर हाल में ड्रोन से किया गया हमला और पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पार से यूएवी के माध्यम से हथियार गिराए जाने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

स्काई फेंस, ड्रोन गन पर काम हो रहा : ये एजेंसियां कुछ ड्रोन भेदी तकनीक पर गौर कर रही हैं जिसमें स्काई फेंस, ड्रोन गन, एटीएचईएनए, ड्रोन कैचर और स्काईवाल 100 शामिल है ताकि संदिग्ध घातक रिमोट संचालित प्लेटफॉर्म को पकड़कर निष्क्रिय किया जा सके।

नुकसान पहुंचाने से पहले ही नष्ट कर सकेंगे : पत्र में बताया गया है कि ड्रोन गन रेडियो, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और ड्रोन तथा पायलट के बीच मोबाइल सिग्नल पकड़ने तथा ड्रोन द्वारा नुकसान पहुंचाने से पहले उसे नष्ट करने में सक्षम है। पत्र में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में डिजाइन किए गए इस हथियार का प्रभावी रेंज दो किलोमीटर है। इसमें बताया गया है कि किसी घातक ड्रोन को रोकने का एक और समाधान स्काई फेंस प्रणाली है, जो उसके उड़ान पथ को रोककर लक्ष्य तक पहुंचने से रोकता है।

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