छत्तीसगढ़

न तेरा है न मेरा है, हिंदुस्तान सबका है – इमरान प्रतापगढ़ी

रायपुर
सीएए और एनआरसी के खिलाफ संविधान बचाओ-देश बचाओ के तहत हम भारत के लोग द्वारा गांधी मैदान चौक में कौमी एकता यूथ विंग कमेटी के विशेष सहयोग से आयोजित की गई शुक्रवार की आमसभा में नगर के सभी जनसंगठनो की भागेदारी उल्लेखनीय रही। रैली को संबोधित करते हुए मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जोरदार हमला बोला। उन्होने इस काले कानून को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए इसे संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ बताया। उन्होने दो टूक कहा कि न तेरा है न मेरा है,हिंदुस्तान सबका है।

इस आमसभा में  मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सदफ जफर विशेष रूप से मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किए गए थे। उल्लेखनीय है कि शायर इमरान प्रतापगढ़ी लगातार सीएए और एनआरसी के खिलाफ जारी आंदोलनों में  देशभर में घूम-घूम कर जनसभा में व रैलियों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफरी को विगत दिनो उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सीएए व एनआरसी के खिलाफ लखनऊ में हुए आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर 19 दिनो तक हिरासत में रखा गया जिसे लेकर पूरे देश में विरोध हुआ था। गांधी चौक में आयोजित आमसभा में सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ आदिवासी नेता व पूर्व सांसद श्री अरविंद नेताम  तथा बौद्ध महासभा का प्रतिनिधित्व एड्वोकेट संजय गजभिए ने किया। आमसभा का संचालन पूजा शर्मा व हामिद ने किया। सीएए और एन आर सी के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जोरदार हमला बोला। उन्होने इस काले कानून को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए इसे संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ बताया।

अपने विशेष अंदाज में आमसभा को  संबोधित करते हुए मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने  सीधे हमला करते हुए इस कानून के पीछे  छुपे मंसूबों के प्रति अपनी चिंता जाहिर की। इस कानून के खिलाफ देश भर में रैलियों व आमसभाओं में शिरकत करने वाले इमरान प्रतापगढ़ी ने  साफ शब्दों में इस कानून को रद्द करने तक दृढ़ता  से संघर्ष व आंदोलन जारी रखने की बात की। हम किसी को अपनी नागरिकता का सबूत नही दिखायेंगे।  हिन्दुस्तान से हमारा मां-बेटे का नाता है। हम मर जायेंगे मिट जाएंगे मगर कागज नही दिखाएंगे।

अगर उनके पास लाठी डंडे गोली है तो हमारे पास बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान है। इसी की रक्षा के लिए देश की महिलाएं सड़क की लड़ाई लड़ रही है। आज हुकूमत इन महिलाओं की आवाज से थरथरा रही है, इनसे निपटने के लिए छटपटा रहे हैं। ये महिलाएं रानी लक्ष्मी बाई बेगम हजरत महल की परंपरा और शौर्य की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। आज पूरा देश इनके साथ है।उन्होंने कहा कल एक और गोडसे ने गोली चलाई। उन्होने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं गोडसे के नही गांधी के साथ हूँ। उन्होंने हाल ही में अदनान सामी को पद्मश्री दिए जाने को लेकर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि अदनान कोई प्रताड़ित या मजलूम नही है जिसे न सिर्फ नागरिकता बल्कि पद्मश्री से भी किस आधार पर नवाजा गया।

दूसरी मुख्य वक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सदफ जाफरी ने आमसभा में  पुरजोर आवाज में इस काले कानून के खिलाफ अपनी बात की। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मुसलमानों का आंदोलन नही है इस आंदोलन में सभी सम्प्रदाय व धर्म के संवेदनशील नागरिक शामिल हैं। उन्होने कहा कि जो सरकार हमारे ही वोट से सत्ता हासिल की है वो आज उन्ही नागरिकों की नागरिकता पर सवाल उठा रही है।

इस विरोध सभा की शुरूआत मशहूर कलाकार और रंगकर्मी कलादास और उनके साथियों द्वारा जनगीत तथा कला जत्था रैली से हुई। इसके साथ ही आमसभा में कुतुबी ग्रुप ने भी अपना जोरदार परफॉर्मेंस देकर उपस्थित जनसमूह का दिल जीत लिया। अपनी जोरदार प्रस्तुति से कलाकारों ने आमसभा को जीवंत बना दिया। सरजियस मिंज व संजय गजभिए ने भी आमसभा को संबोधित किया। अरविंद नेताम ने आदिवासियों पर केंद्रित कर अपनी बात की। सीएए के द्वारा विदेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता दिए जाने के बाद इन लोगों की आदिवासी इलाकों में बसाए जाने की साजिश करार देते हुए इस पर अपनी आपत्ति जाहिर की।

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