नई दिल्ली
भारत और वेस्ट इंडीज के बीच टी20 इंटरनैशनल और वनडे इंटरनैशनल मुकाबलों में नो-बॉल का फैसला तीसरा अंपायर करेगा न कि मैदान पर मौजूद अंपायर। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल की ओर से यह घोषणा की गई। वेस्ट इंडीज के भारत दौरे पर तीन टी20 इंटरनैशनल और इतने ही वनडे मुकाबले खेले जाएंगे। शुक्रवार को हैदराबाद में शुरू हो रही इस सीरीज में तकनीक द्वारा नो-बॉल पर फैसला लेने का परीक्षण किया जाएगा। आईसीसी ने एक बयान जारी कर कहा, 'इस पूरे ट्रायल के दौरान तीसरा अंपायर ही हर नो-बॉल पर फैसला करेगा। वही यह जांच करेगा कि क्या गेंदबाज ने अगली क्रीज का उल्लंघन किया है।' इसमें आगे कहा गया है, 'अगर गेंदबाज क्रीज का उल्लंघन करता है तो तीसरा अंपायर ऑन-फील्ड अंपायर से बात करेंगा। यानी मैदान पर मौजूद अंपायर तीसरे अंपायर की सहमति के बिना नो-बॉल का फैसला नहीं देगा।' आईसीसी ने कहा कि बेनेफिट ऑफ डाउट का फायदा बोलर को मिलेगा।
आईसीसी की विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, 'अगर फैसला देने में देरी होती है, तब मैदान पर मौजूद अंपायर आउट का फैसला बदलेगा (अगर बल्लेबाज आउट हुआ है तो) । बाकी सभी फैसलों के लिए पहले की तरह मैदानी अंपायर ही जिम्मेदार होगा।' इसमें आगे कहा गया है, 'इस ट्रायल को नो-बॉल की सटीकता को जांचने के पैमाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या इससे खेल की रफ्तार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।' नो-बॉल जांचने का काम तीसरे अंपायर को सौंपने का फैसला इस साल अगस्त में किया गया था। इस सिस्टम को पहली बार 2106 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हुई वनडे सीरीज में प्रयोग किया गया था।