नई दिल्ली
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को नोए़डा अथॉरिटी के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह को गिरफ्तार कर लिया. यादव सिंह के खिलाफ पहली बार 2015 में जांच शुरू हुई थी. सीबीआई ने 2016-17 में दो चार्जशीट तैयार की थी. सीबीआई के आरोप-पत्र में कहा गया है कि यादव सिंह ने अप्रैल 2004 से चार अगस्त, 2015 के बीच आय से अधिक 23.15 करोड़ रुपये जमा किए, जो उनकी आय के स्रोत से लगभग 512.6 प्रतिशत अधिक है.
नोएडा अथॉरिटी के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह पर कुल 954 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. जनवरी 2018 में सीबीआई ने उस मामले में जांच शुरू की थी जब यादव सिंह चीफ इंजीनियर थे. उस वक्त 5 प्राइवेट फर्म्स को कुल 116.39 करोड़ का टेंडर जारी हुआ था. सीबीआई इसी मामले में जांच कर रही है.
पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने यादव सिंह को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में जमानत दे दी थी लेकिन कोर्ट ने सीबीआई को इस बात की छूट दी कि यदि यादव सबूत के साथ छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करें तो वह जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकती है.
सीबीआई ने सख्त आपत्ति जताई कि यदि सिंह को जमानत पर रिहा किया गया तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ कर सकता है. सीबीआई के आरोप-पत्र में कहा गया है कि सिंह ने अप्रैल 2004 से चार अगस्त, 2015 के बीच आय से अधिक 23.15 करोड़ रुपये जमा किए, जो उनकी आय के स्रोत से लगभग 512 प्रतिशत अधिक है.