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नृत्य गोपाल दास बोले- मोदी-योगी राज में ही बनेगा राम मंदिर

नई दिल्ली

राम मंदिर आंदोलन में राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास अहम किरदार निभाने वाले लोगों में शामिल रहे हैं. इसी के चलते अब उन्हें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष-प्रबंधक का दायित्‍व सौंपा गया है, जिन्होंने  कहा कि विश्व हिंदू परिषद के मॉडल पर ही राम मंदिर का निर्माण होगा और इसका काम एक दो महीने में शुरू हो जाएगा. नृत्यगोपाल दास ने दावा किया है कि मोदी-योगी राज में ही राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.

राम मंदिर निर्माण को लेकर राम जन्म भूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहा कि राम का मंदिर एक दो महीने में बनना शुरू हो जाएगा. राम मंदिर के लिए शिलाएं रखी हुई हैं, जिनसे मंदिर का निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मंदिर के निर्माण में अब ज्यादा विलंब नहीं किया जाएगा, इसके लिए शिलाएं कम पड़ेंगी तो मंगवा ली जाएंगी.

मंदिर बनने की समय सीमा के बारे में नृत्यगोपाल दास ने दावा किया है कि मोदी और योगी के कार्यकाल में ही राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह मंदिर मोदी-योगी राज में मंदिर नहीं बनेगा तो कब बनेगा. दास ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के द्वारा बनाए गए मॉडल पर ही राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अयोध्या की कार्यशाला में जो पत्थर हैं उन्हें राम मंदिर निर्माण में लगाया जाएगा. मंदिर का जो प्रारूप विश्व हिंदू परिषद ने बनाया था उसी के अनुरूप और उसी हिसाब से निर्माण किया जाएगा.

नृत्यगोपाल दास ने कहा कि हमारी कोशिश यही है कि राम मंदिर भव्य और दिव्यता से बनना चाहिए. देश और विदेश के लोग वहां आए श्रद्धा से दर्शन करें. राम मंदिर निर्माण के लिए जहां तक फंड की बात है, उसके लिहाज से पैजा जुटाने की बात है और हम सब मिलजुल कर लेंगे.

नृत्यगोपाल दास की मंदिर आंदोलन में भूमिका

बता दें कि नृत्यगोपाल दास पिछले पांच दशक से लगातार मंदिर निर्माण के लिए होने वाले कार्यों में अगुवा की भूमिका निभाते रहे हैं. इनकी अगुवाई में लंबे समय से राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी एकत्र किया जाता रहा है. ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास को नियुक्त किया गया है.

नृत्यगोपाल दास का संबंध राममंदिर से सिर्फ शीर्ष धर्माचार्य के रूप में ही नहीं बल्कि मंदिर आंदोलन के एक नायक की भूमिका में भी रहा है. उन्होंने समय-समय पर मंदिर आंदोलन की अगुवाई भी की. इसके साथ ही निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने का काम भी किया.

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