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निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा- संगठन खत्म करने के लिए बुजुर्गों का हो रहा अपमान

 
लखनऊ 

 उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के भीतर ही घमासान चल रहा है. कांग्रेस पार्टी से निकाले गए नेताओं का आरोप है कि पार्टी को खत्म करने के लिए बुजुर्गों को नजरअंदाज किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की अनुशासन समिति ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर सूबे के 10 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है. इन नेताओं को 6 साल के लिए कांग्रेस पार्टी से बाहर किया गया है.

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी से बाहर निष्कासित किए गए नेता संतोष सिंह ने कहा कि हम इस बात से बेहद परेशान हैं कि हमारे खिलाफ कार्रवाई की गई. यह साफ हो गया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया जा रहा है साथ ही हमें दरकिनार किया जा रहा है. यह फैलाया जा रहा है कि हम प्रियंका गांधी की नई टीम के खिलाफ हैं, जिसमें ज्यादार युवा हैं. हम भी यूथ पॉलिटिक्स से ही निकले हैं, ऐसे में हम कैसे युवाओं की मौजूदगी का पार्टी में विरोध कर सकते हैं. हम पर लगाए जा रहे सभी आरोप आधारहीन हैं.

पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक हमें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर किया जाना गौरकानूनी है साथ ही निंदनीय है. हम एआईसीसी सदस्य हैं, निकाले जाने से संबंधित हर निर्णय केवल केंद्रीय समिति ही ले सकती है. प्रियंका गांधी हमारी नेता हैं लेकन वे भी यूपीसीसी को निर्देशित नहीं कर सकती हैं कि हमारे खिलाफ कार्रवाई की जाए.

रामकृष्ण द्विवेदी ने यह भी कहा कि जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर हमने अलग से गोमती नगर इलाके में श्रद्धांजलि दी. पार्टी ने राज्य मुख्यालय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था. हम अलग से इस विषय पर बातचीत के लिए मिले कि हमें पार्टी दफ्तर की ओर से साइडलाइन किया जा रहा है. हम विद्रोही नहीं हैं. हां लेकिन यह साफ है कि कुछ लोगों की मंशा है कि कुछ लोग संगठन को अपने लाभ के लिए खत्म करना चाहते हैं. हमें यूपीसीसी की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है कि 24 घंटे के भीतर जवाब दिया जाए. हालांकि यूपीसीसी की ओर से यह दावा किया जा रहा है.

कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने कहा कि यूपीसीसी की नई टीम में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पार्टी का इतिहास तक नहीं पता है. 20 नवंबर को सभी पूर्व सांसद और प्रत्याशी जो 2014 से 2019 के बीच लोकसभा चुनावों में उतरे, मीटिंग के लिए आए. कुल 600 आमंत्रित लोगों में से केवल 50 लोग मीटिंग के लिए आए. इसका साफ मतलब है कि पार्टी में वरिष्ठों की हो रही अनदेखी की वजह से कोई भी वरिष्ठ नेता पार्टी मीटिंग के लिए नहीं आना चाहता. शीर्ष नेतृत्व की ओर से लोगों की उपेक्षा हो रही है.

पार्टी से बाहर किए गए नेताओं ने मांग की है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इस मामले पर तत्काल संज्ञान लें. पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व विधायक भूधर नरायाण मिश्र, विनोद चौधरी, नेक चंद्र पांडेय, यूथ कंग्रेस के पूर्व राज्य अध्यक्ष प्रकाश गोस्वामी और गोरखपुर जिले के पूर्व अध्यक्ष संजीव सिंह को पार्टी से अनुशासन तोड़ने के आरोप में 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया है.

गौरतलब है कि हाईकमान के निर्देश पर नोटिस देने के बाद अनुशासन समिति ने 11 में से 10 कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें से करीब डेढ़ दर्जन पार्टी नेताओं ने पिछले दिनों पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर बैठक कर अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई थी. इसके बाद प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर 21 नवंबर को अनुशासन समिति ने बैठक में शामिल ग्यारह सदस्यों को नोटिस देकर चौबीस घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा था. रविवार को अनुशासन समिति ने इनमें से 10 वरिष्ठ कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया.

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