नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी के वकील ए. पी. सिंह पर अदालत के साथ ‘लुका छिपी’ का खेल खेलने के लिए 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही दिल्ली बार काउंसिल को भी निर्देश दिया है कि दोषी पवन कुमार की आयु के संबंध में फर्जी हलफनामा दाखिल करने के लिए वकील के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि पहले कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी थी, लेकिन इसके बाद निर्भया की मां ने कोर्ट से आज ही मामले की सुनवाई करने की अपील की। उनकी अपील पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए राजी हो गया।
नाबालिग होने का किया था दावा
गौरतलब है कि निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इनमें से एक पवन गुप्ता ने बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि घटना के समय वह नाबालिग था। पवन की तरफ से कोर्ट में पेश हुए उसके वकील ए. पी. सिंह ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में गलत तरीके से काम किया और उनके मुवक्किल का पक्ष ठीक ढंग से नहीं रखा गया।
डेथ वॉरंट जारी करने पर 7 जनवरी को फैसला
निर्भया के दोषी अक्षय ठाकुर की याचिका सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को खारिज हो गई है। कोर्ट रूम में मौजूद निर्भया के पैरंट्स ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की। हालांकि, पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वॉरंट जारी नहीं होने पर काफी निराश दिखीं और भरे गले से कहा कि हमको तो बस तारीख पर तारीख मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आज 4 दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की रिव्यू पिटिशन खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल और फैसले में कोई खामी नहीं है। पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने संबंधी याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 7 जनवरी तक का वक्त तय किया है।