पटना
नियोजित शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए अब गृह विभाग ने सभी डीईओ को बॉडीगार्ड देने का फैसला लिया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सबहानी ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखकर कहा है कि तत्काल प्रभाव से सभी डीईओ को बॉडीगार्ड मुहैया कराएं. गृह विभाग ने यह फैसला तब लिया है जब पटना के दो शिक्षक मनोज कुमार और मो.मुस्तफा को बर्खास्त के बाद पटना डीईओ की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा.
अधिकारियों का आरोप है कि शिक्षकों ने पटना डीईओ ज्योति कुमार के साथ कार्यालय में घुसकर दुर्व्यवहार किया है और हाथापाई भी की है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए सभी डीईओ को सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है.
बता दें कि तीसरे दिन भी राज्य के 76 हजार स्कूलों में नियोजित शिक्षकों ने पठन पाठन ठप रखा और हड़ताल के समर्थन में सभी शिक्षक जगह-जगह प्रदर्शन करते नजर आए.
शिक्षक नेता आनंद कौशल और शिशिर पांडेय ने राज्य सरकार के इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी. पटना डीईओ ज्योति कुमार को भले ही सरकार बचाने का हर संभव प्रयास कर ले, लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त डीईओ के खिलाफ शिक्षक शांत होनेवाले नहीं हैं. इसको लेकर कोर्ट जाना पड़ेगा तो कोर्ट में भी जाकर डीईओ के भ्रष्टाचार का चिट्ठा खोलेंगे.आर-पार की लड़ाई का मूड
वहीं, शिक्षक नेता ने सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर नियोजित शिक्षकों पर हुई एफआईआर और बर्खास्तगी का पत्र सरकार वापस नहीं लेती है तो नियोजित शिक्षक शांत बैठनेवाले नहीं हैं. अब शिक्षक सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का जवाब भी हैरान करनेवाला है. मंत्री अब शिक्षकों से किसी भी हालत में अपील करने को तैयार नहीं हैं और साफ कहते हैं कि बाधा उत्पन्न करनेवाले शिक्षकों को सरकार किसी भी सूरत में बख्श देने की हालत में नहीं है. जो भी अनुपस्थित रहेंगे उनपर सरकार कार्रवाई करेगी.
जाहिर है राज्य में मैट्रिक की परीक्षा जारी है और 15 लाख से ज्यादा बच्चे इम्तिहान दे रहे हैं. ऐसे में समान वेतनमान की मांग पर हड़ताल पर गए शिक्षकों ने सरकार की पूरी तरह से मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बहरहाल अब इंतजार करना होगा कि नाराज शिक्षकों को सरकार कब तक मना पाती है.