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ना दूध, ना पानी… शिमला- मनाली में ‘जम’ गई जिंदगी

मनाली
हिमाचल प्रदेश के मनाली में कई सड़कें अभी भी ब्लॉक हैं, मंगलवार और बुधवार को हुई भारी बर्फबारी के बाद कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति को बहाल किया जाना बाकी है। लगातार बढ़ रही ठंड से स्थानीय लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

मनाली में बीते दिनों न्यूनतम तापमान -7.8 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, यह इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। इसकी वजह से होटल और घरों में पीने, खाना बनाने या नहाने के लिए भी पानी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है, क्योंकि सभी नल और पानी की आपूर्ति की पाइपें जमी हुई हैं। शिमला में भी स्थानीय लोगों को पानी के लिए काफी जूझना पड़ रहा है। जमकर हो रही ठंड से यहां भी वाटर पाइप लाइन्स जम गई हैं।

बिजली कटने से बद्तर हुए हालात
अत्यधिक ठंड के बीच बिजली कट जाने के बाद स्थानीय निवासियों के लिए चीजें और ज्यादा बद्तर हो गई हैं। मनाली के कुछ इलाकों में बीते तीन दिनों से बिजली नहीं है। यहां तक कि रोहतांग सुरंग परियोजना भी डीजल से चलने वाले जनरेटर से चल रही है। शिमला में भी भारी बर्फबारी से चार डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर बाधित हुए हैं।

बर्फ जमी सड़क पर यात्रा लगभग असंभव
बर्फ जमी सड़कों पर यात्रा लगभग असंभव हो गई है। शिमला में बुधवार को अधिकांश समय तक बस सेवा प्रभावित रही। शिमला के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें शहर और कस्बों में दूध और ब्रेड तक नहीं पहुंच पा रही है।

12 जनवरी के लिए 'ऑरेंज' चेतावनी
शिमला में मौसम विज्ञान विभाग केन्द्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा था कि गुरुवार और शुक्रवार को अधिकतर मौसम शुष्क रहेगा। विभाग के अधिकारी ने बताया कि सड़क से बर्फ हटाने का काम जारी है। बुधवार को हुई भीषण बर्फबारी के कारण 879 सड़कें जाम हैं। मौसम विज्ञान

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