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नाबालिग लड़की को बंधक बनाकर किया था रेप, 12 साल की कैद

नई दिल्ली
स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 14 साल की लड़की को काम दिलाने के बहाने दिल्ली लाकर बंधक बनाकर रेप मामले में शाहबुद्दीन गाजी उर्फ राजू (30) को 12 साल कैद की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट के स्पेशल जज एनके मल्होत्रा की अदालत ने दोषी पर 61,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने जुर्माने की धनराशि वसूलने के बाद उसे पीड़ित लड़की को देने का आदेश दिया।

केवल इतना ही नहीं अदालत ने रेप पीड़ित नाबालिग को तीन लाख रुपये का हर्जाना भी देने का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने नाबालिग के साथ रेप जैसे और पीड़ित को जबरन देह व्यापार में धकेलने जैसे गंभीर मामले की जांच सब इंस्पेक्टर रैंक की पुलिस अधिकारी से कराने पर भी सवाल उठाए है। अदालत ने जजमेंट की कॉपी डिस्ट्रिक्ट डीसीपी को भी भेजने का आदेश दिया है।

दोषी शाहबुद्दीन गाजी मूलरूप से कोलकाता का रहने वाला है। साल 2013 में वह अपने दूर के रिश्तेदारों की 14-15 साल की दो लड़कियों को यह कहकर दिल्ली लेकर आया था, वहां पर वह दोनों लड़कियों की घरों में जॉब लगवा देगा, लेकिन उसने यहां लाकर दोनों लड़कियों को बंधक बना लिया। इस दौरान जब उसकी पत्नी अपने गांव गई हुई थी, तो उसने लड़की के साथ रेप भी किया। इस दौरान पीड़ित लड़की की चचेरी बहन किसी तरह से उसके चंगुल से छूटकर वापस अपने गांव चली गई थी, लेकिन पीड़ित लड़की को उसने घर से बाहर नहीं निकलने दिया। इस दौरान न केवल उसने खुद रेप किया, बल्कि दिल्ली के अलावा नोएडा वगैरह जगहों पर ले जाकर लड़की से जबरन देह व्यापार भी कराया। दोषी की पत्नी के वापस लौटने पर उसने उसे पूरी बात बताते हुए वापस घर जाने की इच्छा जताई तो उसे बेहरमी से पीटा गया। दोषी की पत्नी ने भी उसकी मदद नहीं की।

एक दिन मौका पाकर वह उसके चंगुल से छूटकर भाग गई। इसके बाद लड़की को पुलिस के हवाले किया गया। पुलिस को दिए बयान में लड़की ने अपने साथ हुई पूरी वारदात के बारे में बताया। पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराने के बाद पीड़िता के बयान पर आईपीसी की धारा 342, धारा 366ए, धारा 376 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और धारा 17 में मामला दर्ज कर शाहबुद्दीन गाजी और उसकी पत्नी रेहाना बीवी को अरेस्ट किया गया। सरकारी वकील ने आरोप साबित करने के लिए 12 गवाहों को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोषी की पत्नी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

स्पेशल जज एनके मल्होत्रा की अदालत ने गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद शाहबुद्दीन को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में दोषी करार देते हुए 12 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दोषी को धारा 366ए में 10 साल की कैद और 20,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। दोषी को धारा 342 में भी एक साल की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। सभी सजाए एक साथ चलेंगी। अदालत ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी ने पीड़ित के पैरंट्स और उसकी चचेरी बहन का बयान दर्ज नहीं किया। हो सकता है कि उसके साथ भी क्राइम हुआ हो।

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