मध्य प्रदेश

नाथ सरकार 40 लाख लोगों के हित में लेगी बड़ा फैसला

भोपाल
निकाय चुनाव से पहले प्रदेश की कमलनाथ सरकार 40 लाख लोगों के हित में बड़ा फैसला करने जा रही है| शिवराज सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद सभी कॉलोनियां फिर से अवैध हो गईं हैं, जिन्हें वैध किया गया था। लेकिन अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार अवैध कालोनियों को वैध करने की फिर से तैयारी कर रही है। इससे संबंधित मध्यप्रदेश नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद अवैध कॉलोनी एवं निर्माण नियमितीकरण अधिनियम 2019 का ड्राफ्ट बन गया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद फरवरी में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है।

इससे पहले आंध्रप्रदेश और दिल्ली में इसी फॉर्मूले के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध करने का अधिनियम बनाया गया है। इसी तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी यही ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बीते विधानसभा सत्र में भी नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह द्वारा नियमितीकरण के लिए अधिनियम लाने की घोषणा की थी। नए कानून से सरकार प्रदेश की करीब 5007 अवैध कॉलोनियों को वैध कर पाएगी, जिसका लाभ 40 लाख लोगों को मिलेगा| राजधानी में 350 से अधिक अवैध काॅलोनियों को वैध होने का इंतजार है। मई 2018 में इन काॅलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन हाईकोर्ट की रोक के बाद प्रक्रिया रुक गई। नए अधिनियम में अवैध निर्माण की गाइडलाइन तय हो जाने के बाद स्थानीय निकाय ऐसी कॉलोनियों को नियमित कर सकेंगे। अवैध निर्माण की परिभाषा क्या होगी, यह भी तय हो जाएगा।

अवैध कालोनियों को वैध करने के पीछे माना जा रहा है कि, अगर अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया गया तो, हजारों इमारतों को तोड़ने में इससे कई अधिक खर्च होगा। महंगाई के इस दौर में इसका असर लाखों लोगों पर भी पड़ेगा। कई मामले कोर्ट में भी जा सकते हैं, जिसका निराकरण इसी में है कि, इन नया अधिनियम लाकर इन कॉलोनियों को वैध किया जाए, ताकि इन अवैध इलाकों से भी पर्याप्त राजस्व की वसूली है।

गौरतलब है कि 8 मई 2018 को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसकी शुरुआत ग्वालियर से की गई थी। इसके तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की 4624 कॉलोनियों को वैध करने का एलान किया था। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया, जिसके बाद सभी कालोनियां फिर से अवैध हो गयी है। हालांकि शिवराज सरकार के समय ही शासन की इस योजना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन अब सरकार फिर से वैध करने की तैयारी कर रही है।

 

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