भोपाल
अगले माह कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस दौरान सूबे के मंत्री जनता को अपना रिपोर्ट कार्ड देने की जगह चुनावी वचन पत्र के वादों पर की गई कार्रवाही की जानकारी देंगे। इसके लिए मंत्रियों द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल सरकार ने वचन पत्र के माध्यम से ही अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखने का तय किया है। सरकार का मानना है कि चुनावी वचन जनता से जुड़े हुए हैं इसलिए उस पर अमल ही उनका रिपोर्ट कार्ड है। मुख्यमंत्री कमलनाथ व संगठन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं की हर मंत्री को हर हाल में वचन पत्र के वादे को पूरा करना पड़ेगा।
सरकार अपने एक साल की तुलना शिवराज सरकार के 15 साल के कामों से करने जा रही है। सरकार सौ से ज्यादा वचन पूरे होने का दावा कर रही है। सभी विभागों को वचन पत्र देकर उसमें से अब तक हुए अमल का चार्ट तैयार कराया जा रहा है। इस चार्ट में अलग-अलग कॉलम में यह जानकारी दर्ज की जा रही है कि अब तक कितने वचन पूरे हुए, कितने प्रक्रियाधीन हैं और किन वचनों के लिए नीतिगत या बजटीय प्रावधान की आवश्यकता है। सरकार का प्रयास है कि पूरे हुए वचनों के जरिए जनता को यह बताया जाए कि शिवराज सरकार के 15 साल के कामकाज पर नाथ सरकार का एक साल भारी पड़ा है।
सरकार के साथ ही संगठन भी एक साल का जश्र मनाने की तैयारी कर रहा है। संगठन द्वारा भी सरकार की उपलब्धियां गांव-गांव तक पहुंचाई जाएंगी। इसके लिए सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों को काम में लगा दिया गया है। विचार विभाग द्वारा सरकार की एक साल की उपलब्धियों पर किताब तैयार कर प्रचार-प्रसार करने की तैयारी की जा रही है। विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने तेजी से काम किया है वो जनता को बताने के लिए प्रचार कार्यक्रम का नाम फास्ट ट्रैक पर सरकार दिया गया है। सरकार के कर्ज माफी, आदिवासियों की साहूकारी कर्ज से मुक्ति, बेटियों की शादी में 51 हजार रुपए देना, पेंशन राशि बढ़ाना और गौशाला खोलने के फैसले प्रमुख हैं।