नई दिल्ली
पिछले दिनों विराट कोहली और केन विलियमसन की एक फोटो खूब वायरल हुई, जिसमें ये दोनों कप्तान टी20 सीरीज के मैच के दौरान बाउंड्री के बाहर बैठकर आपस में बातचीत कर रहे थे। इस फोटो और दोनों कप्तानों के रवैये को लोगों ने बहुत पसंद किया। इसके बाद दोनों कप्तानों के रिश्तों को लेकर पूछे गए सवालों पर भारतीय कप्तान विराट कोहली विपक्षी कप्तान केन की तारीफ करते नहीं थके। उन्होंने बताया कि वह मैदान से बाहर केन से क्रिकेट की नही बल्कि जिंदगी पर बात कर रहे थे।
कोहली ने यह भी कहा कि अगर उन्हें टेस्ट में नंबर-1 की रैंकिंग्स किसी टीम के साथ साझा करनी पड़ी तो वह कीवी टीम होगी। भारतीय टीम ने टी20 सीरीज जीतकर दौरे की अच्छी शुरुआत की लेकिन वनडे सीरीज में उसे जीत नसीब नहीं हुई और फिर पहले टेस्ट में बुरी तरह पिट गई। अब सवाल उठने लगे हैं कि अग्रेसिव कैप्टन और खिलाड़ी के तौर पर अपनी पहचान बना चुके विराट के लिए दोस्त वाला यह रवैया तो कहीं भारी नहीं पड़ गया।
ढीले पड़ते गए तेवर
कीवी टीम के प्रति मीठी-मीठी बातें करने वाला यह कोहली उस कोहली से एकदम जुदा था जिसे फैंस ने मैदान पर एक-एक रन और एक-एक विकेट के लिए अपनी पूरी ताकत और पूरा आक्रामक रुख अपनाते देखा था। न्यूजीलैंड पहुंचने और मेजबानों के खिलाफ टी20 सीरीज में 3-0 की जीत के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के ‘स्वभाव’ में आए इस परिवर्तन के बाद भारतीय टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई।
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या टीम अपने आक्रामक तेवर को भूल चुकी है, जैसा कि पहले टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों और कोहली के रवैये को देखकर लगा। दसवें नंबर के बल्लेबाज का विकेट लेने की चाहत में भी तड़प उठने वाले कोहली न्यूजीलैंड के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के आउट होने पर भी केवल गंभीर जश्न मनाते दिखे। उनके गेंदबाज कीवी बल्लेबाजों से आंखें मिलाकर उन्हें चुनौती देने और उनकी एकाग्रता भंग करने की कला भूल गए।
इतने भी शालीन न बनो
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को भी लगता है कि ‘अच्छा’ बनने की चाहत टीम इंडिया को नुकसान पहुंचा रही है। उनका मानना है कि मैदान पर टीम इंडिया जरूरत से ज्यादा शालीन दिख रही है। उनके खेल में वह उग्रता वह इंटेंसिटी नजर नहीं आ रही। कैफ ने अपने एक ट्वीट में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम इंडिया की हार पर समीक्षा करते हुए कहा कि भारत को दूसरे टेस्ट में उतरने से पहले अपने कुछ पहलुओं पर दोबारा काम करना होगा। उन्होंने कहा कि टीम को अपनी ओपनिंग पार्टनरशिप सुधारनी होगी। बल्लेबाजों को बोर्ड पर बड़े स्कोर बनाने होंगे और साथ ही अपने खेल में थोड़ी और इंटेंसिटी लानी होगी। इन सलाहों के बाद कैफ लिखते हैं कि टीम को मैदान पर अपनी ‘अच्छाइयों’ में थोड़ी कमी भी लानी होगी।