वाराणसी
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रम चलाने के साथ इसके प्रचार-प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च करती है। इनसे प्रेरणा लेकर अगर कोई महिला अपनी नसबंदी कराती है फिर भी वह गर्भवती हो जाती है तो क्या करें? बलिया जिले के चितबड़ागांव थानाक्षेत्र के उसरौली गांव की विभा के साथ कुछ ऐसा ही संकट आ गया है।
डॉक्टरों की लापरवाही
चार बच्चों की मां विभा ने सरकार के 'छोटा परिवार-सुखी परिवार' नारे को देखकर इसी साल मार्च में नसबंदी कराया। नसबंदी के दो महीने बाद उसे पता चला कि वह फिर दो माह से गर्भवती है। मजूदरी करके परिवार का खर्चा चलाने वाले अच्छेलाल राजभर की पत्नी विभा का गर्भ अब 4 माह से ऊपर का हो गया है। नसबंदी फेल होने पर गर्भवती हुई महिला के पति अच्छेलाल का कहना है कि डॉक्टरों ने घोर लापरवाही की है। पहले से चार बच्चे हैं गरीबी के चलते पालन-पोषण में असमर्थ हैं। अब पांचवा आ जाएगा तो कैसे परिवार की गाड़ी चलेगी?
डॉक्टर बोले- डिलिवरी के बाद फिर करेंगे नसबंदी
अच्छेलाल ने बताया कि जब पत्नी के साथ नसबंदी करने वाले डॉक्टर के पास शिकायत करने गए तो कहा कि इस बच्चे की डिलिवरी के बाद फिर से नसबन्दी कर देंगे। गरीबी से जूझ रहे अच्छेलाल और उनकी पत्नी ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जो 5वां बच्चा होगा उसको अपने पास नहीं रखेंगे। हम सरकार को सौगात में दे देंगे। सीएमओ साहब को बच्चा ले जाकर दे देंगे।
पहले मां से करेंगे बात, फिर होगी व्यवस्था: डीएम
इस मामले पर जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने कहा कि यह जानकारी मुझे भी मिली है। पहले मां से बात की जाएगी। अगर वो सतुंष्ट नही है तो शिशु को पालनगृह में रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि महिला को मुआवजा दिलाने की भी कोशिश की जाएगी।