रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) की तैयारियों के बीच बीजेपी (BJP) अगले महीने यानि की नवंबर से प्रदेश भर में बड़ा प्रदर्शन करने वाली है. बीजेपी के दिग्गज गोपनीय तरीके से इसकी रणनीति पर मंथन भी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी को ये रिपोर्ट मिली है कि कांग्रेस ने 2 से 10 अक्टूबर तक जो गांधी विचार पदयात्रा निकाली थी उसके जरिए एक बड़े जनसमुदाय तक पार्टी के नेता पहुंचे हैं. कहीं न कहीं इससे कांग्रेस (Congress) की आम लोगों तक पहुंच बढ़ी है. गांव कस्बों तक कांग्रेस की सक्रियता बढ़ी है. ऐसे में बीजेपी भी मान रही है कि आम लोगों तक सक्रियता बढ़ानी जरूरी है, नहीं तो इसका खामियाजा निकाय चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है.
बीजेपी को मिली रिपोर्ट के बाद अब पार्टी नगरीय निकाय चुनाव में कोई जोखिम उठाने के विचार में नहीं दिख रही है. लिहाजा अब पार्टी, सड़क पर उतरने की तैयारी करने में जुट गई है. माना जा रहा है कि दिवाली के बाद पार्टी एक बड़ा आंदोलन कर सकती है. बीजेपी के नेता गांव-गांव कस्बों तक पदयात्रा करेंगे. वहीं जगह-जगह आक्रामक प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की भी तैयारी पार्टी कर रही है. इस मसले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी का कहना है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसी भी पंचायत में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है. निर्माण कार्य की राशि को सरकार ने वापस मंगवा लिया. इस वजह से लोगों में सरकार का खिलाफ नाराजगी है. इसलिए हम जनता के बीच जा रहे हैं.
वहीं, भाजपा के मोर्चा खोलने की प्लानिंग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उनका कहना है कि भाजपा एक तरफ गांधी को अपनाने की कोशिश करती है, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद नहीं बोलती. गांधी और गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती. पदयात्रा में भाजपाई गोडसे मुर्दाबाद बोलेंगे की नहीं ये बताना चाहिए. जनता सब समझती है.